डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र (Maharashtra) में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली पार्टी शिवसेना का सियासी भविष्य अधर में है. एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद अब उनके सामने पार्टी बचाने की सबसे बड़ी चुनौती है. पार्टी पर पकड़ बनाए रखने के लिए उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाई थी. बैठक में कुछ अहम फैसले लिए गए हैं.
पार्टी के बागियों पर एक्शन लेंगे उद्धव ठाकरे
कार्यकारिणी में कुल पांच प्रस्ताव रखे गए थे जिन्हें सर्व सम्मति ये प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया है. बैठक में यह कहा गया है कि अब जो पार्टी से गद्दारी करेगा,जो बेईमानी करेगा, उसपर कार्रवाई करने का अधिकार पार्टी चीफ को उद्धव ठाकरे का होगा.
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पार्टी पर रहेगा ठाकरे परिवार का राज
बैठक में यह प्रस्ताव पास हुआ कि शिवसेना में सभी तरह के निर्णय लेने के सभी अधिकार पार्टी चीफ उद्धव ठाकरे के पास रहेंगे.दूसरा यह कि बालासाहेब ठाकरे और शिवसेना ये नाम कोई भी उपयोग नहीं कर सकता.
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सर्व सम्मति से माने जाएंगे सभी प्रस्ताव
तीसरा प्रस्ताव यह कि पार्टी से गद्दारी करने वालों पर कार्रवाई करने का अधिकार भी पार्टी चीफ को होगा. अभी तक इन प्रस्ताव को सर्व सम्मति से माना गया है. पार्टी की अहम बैठक में अब सारे अधिकार उद्धव ठाकरे को मिल गए हैं. देखने वाली बात यह है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस अहम बैठक के फैसलों को बागी नेता मानते हैं या नहीं.
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