डीएनए हिंदी: इस महीने देश को नया राष्ट्रपति मिलने वाला है. राष्ट्रपति चुनाव से पहले इस पद के लिए दोनों बड़े दिग्गज हर राज्य में प्रमुख नेताओं से संपर्क कर रहे हैं. राष्ट्रपति चुनाव के बहाने भाजपा भी भविष्य के लिए अपने खेमा बढ़ाने की तैयारी कर रही है.दूसरी बार सत्ता में लौटने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विपक्ष खेमे को और कमजोर करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. उनकी इस रणनीति का नजारा देखने को मिला राष्ट्रपति पद प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में आयोजित किए गए भोज कार्यक्रम में. इस कार्यक्रम में योगी सरकार की तरफ से पिछले विधानसभा चुनाव में अखिलेश के खास रहे सुभसपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर, अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव को भी निमंत्रण भेजा गया. कार्यक्रम में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रमुख रघुराज प्रताप सिंह और बसपा के एकमात्र विधायक भी नजर आए.
2024 पर भाजपा की नजर?
भले ही राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू अपने सबसे प्रतिद्वंदी पर भारी पड़ती दिखाई दे रही हों लेकिन भाजपा इस मौके को भी आने वाले चुनावों के लिए भुनाती दिखाई दे रही हैं. उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार शाम राष्ट्रपति पद प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में आयोजित भोज में उन बड़े चेहरों को भी निमंत्रण भेजा जो पिछले विधानसभा चुनाव में उनके खिलाफ प्रचार कर रहे थे. दरअसल निमंत्रण भेजते समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव और उनके सहयोगियों के बीच लगातार बढ़ती दूरियों को खास ख्याल रखा होगा. इसीलिए उन्होंने अगले चुनाव से पहले खुद को और मजबूत करने के लिए एक तीर से दो निशाने चल दिए.
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कितने सफल रहे योगी?
विपक्षी दलों के नेताओं को योगी आदित्यनाथ द्वारा भोज में बुलाए जाना कितना सफल रहा यह तो समय ही बुलाएगा लेकिन निश्चित ही यह अखिलेश यादव की परेशानियां तो जरूर बढ़ा देगा. इस भोज के बाद अखिलेश यादव के चाचा और कभी सपा में 'सर्वेसर्वा' रहे शिवपाल यादव ने उनपर जमकर हमला बोला. शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव में राजनीतिक परिपक्वता की कमी हैं, इसी वजह से कई नेता पार्टी छोड़ रहे हैं. शिवपाल ने मुर्मू को वोट देने का ऐलान करते हुए कहा, "मैं पहले ही कह चुका हूं कि जो मांगेगा उसे वोट दूंगा. न तो समाजवादी पार्टी ने मुझे फोन किया, न ही मेरा वोट मांगा. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कल मुझे आमंत्रित किया जहां मैंने एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें वोट देने का फैसला किया."
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क्या भाजपा के साथ राजभर?
ओम प्रकाश राजभर क्या फिर से भाजपा के साथ जाएंगे यह कहना तो अभी मुश्किल होगा. हालांकि इस बात की प्रबल संभावना है कि वो और उनकी पार्टी के अन्य विधायक भी द्रौपदी मुर्मू को ही वोट दें. ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार सुबह मऊ में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले अपने चाचा शिवपाल का वोट ही विपक्ष के राष्ट्रपति पद उम्मीदवार को दिलवा दें. राजभर पहले भी अखिलेश को कई बार नसीहत दे चुके हैं. इसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वो भाजपा के साथ हाथ मिला सकते हैं.
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राजा भैया ने भी किया मुर्मू का समर्थन
द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में आयोजित भोज में राजा भैया का दिखाई देना वैसे तो कोई आश्चर्य चकित करने वाला नहीं है लेकिन 2024 में अगर वो एनडीए के साथ दिख तो यह पूर्वांचल में भाजपा को और भी मजबूत कर सकता है. भोज के बाद मीडिया से बातचीत में राजा भैया ने कहा, "आज के दौर में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर द्रौपदी मुर्मू का चयन बेहद जरूरी है. यही कारण है कि भाजपा के अलावा अन्य राजनीतिक दल भी उनका समर्थन कर रहे हैं. हमारे दोनों विधायक भी उनका समर्थन करेंगे."
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