डीएनए हिंदीः मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmabhoomi) की 13.37 एकड़ जमीन के मामले में आज जिला जज की अदालत में सुनवाई होगी. इस मामले में लॉ की 7 छात्राओं और दिल्ली लखनऊ हाई कोर्ट के 4 वकीलों द्वारा अर्जी दाखिल की गई है. इस दावे को जिला जज की अदालत में पेश किया गया है. इस मामले में पिछली सुनवाई टल गई थी.
किसने दाखिल की अर्जी
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में लॉ की छात्रा उपासना सिंह, अनुष्का सिंह, नीलम सिंह साधना सिंह, अंकिता सिंह, डॉ. शंकुतला मिश्रा (लखनऊ विश्वविद्यालय), दिव्या निरंजन (आईसीएएफएआई देहरादून) के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के अधिवक्ता अंकित तिवारी एडवोकेट, वरुण कुमार मिश्रा, शैलेंद्र सिंह, दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता रंजन कमार रॉय की ओर से अर्जी दाखिल की गई है.
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अदालत ने मांगे सबूत
लॉ छात्राओं ने इस मामले में सीपीसी के सेक्शन 92 को आधार मानते हुए दावा पेश किया है. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मामले में जमीन से जुड़े कागजात पेश करने को कहा था. सेक्शन 92 के तहत दो या दो से अधिक लोगों द्वारा एक मत होकर संस्थान के साथ हुए गलत को जनहित में सही करने के लिए दावा किया जा सकता है.
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एएसआई सर्वे कराने की मांग
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में शाही ईदगाह में एएसआई सर्वे की मांग की है. हिंदू पक्षकार मनीष यादव ने सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में इसके लिए प्रार्थना पत्र दिया है. याचिका में शाही ईदगाह को असली गर्भगृह बताते हुए वहां एएसआई सर्वे कराए जाने की मांग की गई है. इसके साथ ही विवादित स्थल पर CCTV कैमरे भी लगाए जाने की मांग की गई है. इस अर्जी पर 1 जुलाई को सुनवाई होगी.
वीडियोग्राफी भी कराने की मांग
मनीष यादव ने याचिका दाखिल कर शाही ईदगाह का सर्वे कराने की मांग की थी. कोर्ट इस मामले की सुनवाई 1 जुलाई को करेगा. मनीष यादव का दावा है कि वो भगवान श्रीकृष्ण का वंशज हैं. याचिका में मांग की गई है कि किसी एडवोकेट कमिश्नर को नियुक्त करके शाही ईदगाह की वीडियोग्राफी कराई जाए और रिपोर्ट मांगी जाए.
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