डीएनए हिन्दी: पंजाब में सिद्दू मूसेवाला की हत्या (Sidhu Moose Wala Murdur Case) को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. पंजाब में पिछले कुछ दिनों वीआईपी लोगों की सुरक्षा वापस लिए जाने के फैसले पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं. हाई कोर्ट ने इस मामले पर भगवंत मान सरकार से पूछा है कि आखिर जिन लोगों की सुरक्षा हटाई गई, उनका नाम कैसे लीक हुआ? कोर्ट ने 2 जून तक सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है.
सिद्धू मूसेवाला की मौत के बाद छिड़ी बहस के बीच कोर्ट ने सील बंद लिफाफे में जवाब दाखिल करने को कहा है.साथ ही सरकार ने कोर्ट से यह भी पूछा है कि व्यक्तिगत खतरे का आकलन सरकार कैसे करती है?
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गौरतलब है कि लोकप्रिय पंजाबी रैपर 28 साल के सिद्धू मूसेवाला की रविवार को हत्या कर दी गई थी. हत्या उस वक्त की गई जब वह अपनी गाड़ी अपने दो करीबी लोगों के साथ जा रहे थे. सूत्रों के मुताबिक, उनके पैतृक गांव जवाहरके के पास 8 हथियारबंद अपराधियों ने बेहद करीब से मूसेवाला को 30 गोलियां मारीं. मूसेवाला का असली नाम शुभदीप सिंह सिद्धू था और यह संयोग ही है कि उन्होंने जो लेटेस्ट एल्बम पिछले महीने जारी किया था उसका टाइटल 'द लास्ट राइड था'.
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मूसेवाला के 'लास्ट राइड' में उनके 2 सुरक्षा गार्ड भी साथ नहीं थे. पहले उनकी सुरक्षा में 4 गार्ड तैनात थे. भगवंत मान सरकार ने उनकी मौत से एक दिन पहले ही शनिवार को 2 सुरक्षा गार्ड को हटा दिया था. भगवंत सरकार ने राज्य में वीआईपी कल्चर खत्म करने के नाम पर मूसेवाला समेत कई अन्य लोगों के सुरक्षा गार्ड वापस लिए थे.
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