घरेलू उड़ान में सिखों को कृपाण रखने की इजाजत पर केंद्र को नोटिस, दिल्ली हाईकोर्ट ने मांगा 8 हफ्ते में जवाब

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 18, 2022, 06:05 PM IST

सिख यात्रियों को केंद्र सरकार ने घरेलू उड़ान के दौरान अपने साथ एक खास लंबाई तक की कृपाण रखने की इजाजत दी है. याचिका दाखिल करने वालों का कहना है कि इससे सुरक्षा का खतरा पैदा होगा.

डीएनए हिंदी: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के उस फैसले के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है, जिसमें सिख यात्रियों को घरेलू उड़ानों के दौरान विमान के अंदर कृपाण के साथ सफर करने की इजाजत दी गई है. इस फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Aviation Ministory), गृह मंत्रालय (Home mInistry) और डीजीसीए (DGCA) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने आठ हफ्ते के अंदर सभी पक्षों को जवाब देने का आदेश दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी.

फिलहाल नोटिफिकेशन पर रोक लगाने से इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा (Chief Justice Satish Chandra Sharma) और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद (Justice Subramonium Prasad) की डिविजन बेंच यह मामला सुन रही है. बेंच ने याचिकाकर्ता की उस मांग को खारिज कर दिया, जिसमें सिखों को इजाजत देने वाले केंद्र सरकार के फैसले को लागू करने के लिए जारी नोटिफिकेशन पर रोक लगाने का आग्रह किया गया था. हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

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क्या इजाजत दी गई है सरकार की तरफ से

सरकारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, घरेलू उड़ानों और एयरपोर्ट पर सिख यात्रियों या कर्मचारियों को अधिकतम 15.24 सेंटीमीटर (6 इंच) लंबे ब्लेड वाली कृपाण अपने साथ धार्मिक चिह्न के तौर पर रखने की इजाजत है. साथ ही यह भी कहा गया है कि ब्लेड समेत कृपाण की कुल लंबाई भी 22.86 सेंटीमीटर (9 इंच) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

यह छूट महज भारतीय सिख नागरिकों को ही नहीं दी गई है, बल्कि दूसरे देशों से आने वाले सिख नागरिक भी भारतीय घरेलू उड़ान में सफर करते समय कृपाण रख सकते हैं.

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याचिका में दावा- यात्रियों के लिए खतरा है ये छूट 

याचिकाकर्ता हर्ष भोगले ने हाईकोर्ट में दाखिल अर्जी में इस फैसले को अन्य यात्रियों के लिए खतरा बताया है. उन्होंने कहा है कि कृपाण ले जाने की इस छूट का कुछ असामाजिक तत्व ग़लत फायदा उठा सकते हैं और ये विमान यात्रियों के लिए खतरा बन सकती है. 

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याचिकाकर्ता का कहना है कि यदि धार्मिक चिह्न के आधार पर ही कृपाण विमान में ले जाने की छूट देनी है तो इसे सामान के अंदर पैक करके रखा जा सकता है. इससे धार्मिक मान्यता का हनन नहीं होगा. याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार का यह फैसला सिविल एविएशन सेफ्टी प्रोटोकॉल्स और इंटरनेशनल कन्वेंशन्स के भी खिलाफ है.

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