गुजरात के गिर सोमनाथ बुलडोजर एक्शन(Somnath Bulldozer Action) मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. इस मामले में सर्वोच्च अदालत से मुस्लिम पक्ष को राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने यथास्थिति को बरकरार रखने का आदेश दिया है. साथ ही, बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि अगले आदेश तक सरकार का जमीन पर कब्जा बरकरार रहेगा. कोर्ट के अगले आदेश तक जमीन किसी भी तीसरे पक्ष को आवंटित नहीं की जा सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने नहीं मानी संरक्षित स्मारक की दलील
सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्षकार की तरफ से वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने दलील रखी. उन्होंने कहा कि यह संरक्षित स्मारक है, जिस पर किसी तीसरे पक्ष का अधिकार नहीं है. इसके जवाब में जस्टिस गवई ने कहा कि तीसरे पक्ष के कौन से अधिकार हैं? यह जमीन सरकार की जमीन है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि गुजरात हाई कोर्ट ने यथास्थिति बहाल रखने का आदेश दिया है. इसमें किसी तरह के और बदलाव की हमें जरूरत नहीं लगती है. फिलहाल यथास्थिति को बरकरार रखा जाए.
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कपिल सिब्बल ने अपनी दलील में कहा कि संरक्षित स्मारक ढहाए जाने के पीछे वजह बताई गई कि यह अरब सागर के पास है. स्मारक जल निकाय के पास नहीं हो सकते हैं. इसके जवाब में एएसजी तुषार मेहता ने कहा कि यह संरक्षित स्मारक नहीं है. जमीन सरकार की है और इस पर किसी तीसरे पक्ष का दावा नहीं बनता है. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजरात हाई कोर्ट के फैसले में हमें कोई त्रुटि नहीं नजर आ रही है. ऐसे में कोई और आदेश पारित नहीं किया जा सकता है.
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