कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली की जनता के लिए एक पत्र (Letter) लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा कि वह अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र का हवाला दिया है. सोनिया गांधी ने साथ ही रायबरेली के लोगों का आभार भी जताया है.
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने पत्र के आखिरी में लिखा, 'अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी. इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा करने का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा. मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब तक संभालते आए हैं.'
सोनिया गांधी की इस चिट्टी के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि रायबरेली से गांधी परिवार से आगामी लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार होगा. बता दें कि कांग्रेस पार्टी सोनिया गांधी को राज्यसभा भेज रही है. उन्होंने बुधवार को जयपुर में राज्यसभा के लिए नामांकन किया.
क्या प्रियंका को उतारेगी कांग्रेस?
सोनिया गांधी के बाद रायबरेली में उनकी जगह कौन चुनाव लड़ेगा, इसकी चर्चा तेज हो गई है. सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की हो रही हैं कि रायबरेली से प्रियंका गांधी को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है. राजनीतिक जानकर कहते हैं कि रायबरेली और अमेठी का गांधी परिवार से काफी पुराना नाता रहा है. इसी कारण इन सीटों पर पारिवारिक लोग ही अपनी किस्मत आजमाते रहे हैं. क़यास लग रहे हैं कि प्रियंका गांधी यहां से चुनाव लड़ सकती हैं. वह यूपी कांग्रेस की प्रभारी रही हैं और अमेठी और रायबरेली में काफ़ी एक्टिव भी रही है. सोनिया गांधी की अनुपस्थित में उन्होंने रायबरेली का दौरा कर वहां के लोगों से मिलती भी रही हैं.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि निश्चित तौर पर रायबरेली गांधी परिवार से ही कोई लड़ेगा. अमेठी-रायबरेली से गांधी परिवार का कई पीढ़ियों का नाता रहा है. यह दोनों सीटें परिवार के पास ही रहेंगी. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रसून पांडेय कहते हैं कि रायबरेली सीट कांग्रेस के लिए काफी महत्वपूर्ण है. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यूपी में सिर्फ दो ही सीटें मिली थीं-अमेठी और रायबरेली. 2019 में राहुल गांधी अमेठी से हार गए और कांग्रेस को सिर्फ रायबरेली सीट पर ही जीत मिली.
अब 2024 में अगर गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ता है, तो यह सीट भी हाथ से निकल सकती है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी यह सीट अपने परिवार के पास ही रखना चाहेगी। गांधी परिवार के साथ यहां के लोगों का लगाव अटूट माना जाता है. इसी भरोसे को देखते हुए प्रियंका के चुनावी मैदान में उतरने की अटकलें अब और तेज हो गई हैं. लंबे समय से गांधी परिवार के ही किसी न किसी सदस्य की यहां से दावेदारी होती रही है.
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