दक्षिण के राज्यों की लोकसभा सीटें होंगी कम? जयराम रमेश ने भी उठाए सवाल, समझिए क्या है मामला

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Apr 22, 2023, 08:32 AM IST

South India. Credit: Google Maps

South India Loksabha Seats: 2026 में होने वाले परिसीमन को लेकर दक्षिण के राज्यों की चिंता है कि उनकी सीटें कम हो सकती हैं.

डीएनए हिंदी: मौजूदा समय में लोकसभा की कुल 543 सीटों पर चुनाव होते हैं. लोकसभा की सीटें जनसंख्या के हिसाब से तय होती हैं. एक अनुमान है कि पिछले परिसीमन के बाद से उत्तर भारत की जनसंख्या दक्षिण भारत की तुलना में ज्यादा बढ़ी है. ऐसे में दक्षिण के राज्यों की चिंता है कि 2026 में जब लोकसभा सीटों पर परिसीमन होगा तो उनकी सीटों की संख्या कम हो जाएगी. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि राज्यों को इस पर आश्वासन दिए जाने की जरूरत है.

मौजूदा समय में लगभग एक चौथाई लोकसभा सीटें दक्षिण भारत के पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश से आती हैं. इसमें तमिलनाडु 39, कर्नाटक, 28, केरल 20, आंध्र प्रदेश 25 और तेलंगाना की कुल 17 सीटें है. इसके अलावा, एक सीट केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की है. यानी कुल 130 सीटें हैं. इसकी तुलना में उत्तर भारत के सिर्फ दो राज्य बिहार (40) और उत्तर प्रदेश (80) ही 120 सीटों की हिस्सेदारी रखते हैं. यानी सीटों की संख्या हर राज्य में बराबर न होकर जनसंख्या के आधार पर है.

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क्या है दक्षिण भारत की चिंता?
बीते कुछ सालो में उत्तर भारत के राज्यों की जनसंख्या तेजी से बढ़ी है. दूसरी तरफ बेहतर परिवार नियोजन और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते दक्षिण भारत के राज्यों में जनसंख्या उतनी ज्यादा रफ्तार से नहीं बढ़ी है. ऐसे में जब नया परिसीमन होगा तो उत्तर भारत के राज्यों में सीटों की संख्या ज्यादा बढ़ सकती है और दक्षिण भारत के राज्यों में सीटों की संख्या कम बढ़ सकती है.

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इस मामले पर जयराम रमेश ने ट्वीट करके कहा है, 'दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है. इस पर बहुत अधिक चर्चा हुई है लेकिन जिस चीज पर चर्चा नहीं हुई है, वह यह है कि परिवार नियोजन में अग्रणी राज्य, जिनमें ज्यादातर दक्षिणी राज्य शामिल हैं, लोकसभा और राज्यसभा में सीटें गंवा सकते हैं. इन राज्यों को आश्वासन दिए जाने की जरूरत है कि ऐसा नहीं होगा. मैंने कई बार यह मुद्दा उठाया है.'

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