समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (Azam Khan) को एक और बड़ा झटका लगा है. रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने डूंगरपुर मामले में आजम खान को 7 साल की सजा सुनाई है. जबकि अन्य दोषियों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है. अदालत ने इस मामले में आजम खान के साथ पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अजहर अहमद खां, रिटायर्ट सीओ हाले हसन और ठेकेदार बरकत अली को दोषी पाया है.
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (Azam Khan) को एक और बड़ा झटका लगा है. रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने डूंगरपुर मामले में आजम खान को 7 साल की सजा सुनाई है. जबकि अन्य दोषियों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है. अदालत ने इस मामले में आजम खान के साथ पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अजहर अहमद खां, रिटायर्ट सीओ हाले हसन और ठेकेदार बरकत अली को दोषी पाया है.
रामपुर की MP-एमएलए कोर्ट ने 16 मार्च को चारों को दोषी करार दिया था. लेकिन फैसला आज के लिए सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने आजम खान को आईपीसी धारा 427,504,506, 447 और 120B के तहत दोषी करार दिया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान आजम खान की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई.
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क्या है डूंगरपुर मामला?
डूंगरपुर में सपा सरकार के दौरान 2016 में आसरा आवास बनाए गए थे. इस जमीन पर पहले से ही कुछ लोग मकान बनाकर बैठे थे. आरोप है कि सरकारी जमीन बताकर इस दौरान तोड़फोड़ की गई थी. वहां मौजूद लोगों के साथ मारपीट भी हुई और सामान की लूटपाट की गई. यूपी में बीजेपी की सरकार आने के बाद इस मामले में जमीन के मालिक एहतेशाम की शिकायत पर 2019 में FIR दर्ज की गई थी. सपा नेता आजम खान समेत छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था.
इस मामले में आजम खान को आपराधिक साजिश रचने का दोषी माना गया, जबकि अन्य तीन लोगों को लोगों से मारपीट करने, धमकाने और डकैती जैसे गंभीर मामले में दोषी करार दिए गए. दो आरोपियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया. इस मामले में आजम खान पर IPC की धारा 452 के तहत अधिकतम 7 साल की सजा सुनाई गई.
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