डीएनए हिंदी: समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर से अपने बयान की वजह से चर्चा में हैं. सपा के लिए अक्सर फजीहत पैदा कर देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने 1990 में कारसेवकों पर गोली चलवाने के फैसले का बचाव किया है. 1990 में राम मंदिर आंदोलन के दौरान मुलायम सिंह यादव की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने गोली चलाने का आदेश दे दिया था. इस घटना में कई कारसेवक मारे गए थे और मुलायम सिंह यादव को जमकर फजीहत झेलनी पड़ी थी.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, 'सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है. महंगाई पर सरकार का ध्यान नहीं है जो संसद बहस के लिए बनाई गई है, उसमें से सांसदों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. उस समय की सरकार ने न्याय की रक्षा और कर्तव्य का पालन करते हुए कार सेवकों पर गोलियां चलवाई गई थीं.'
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गोलीबारी का किया बचाव
बीजेपी के केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने हाल ही में कहा था कि कारसेवकों पर सपा सरकार में गोली चलाई गई थी लेकिन सपा से कोई श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आना चाहे तो उसका स्वागत है. इस बारे में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य से पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'उस समय की सरकार ने न्याय की रक्षा करते हुए अपने कर्तव्य का पालन करते हुए गोली चलवाई थी क्योंकि बिना किसी न्यायिक निर्देश के अराजक तत्वों ने वहां पर तोड़फोड़ की थी.'
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स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि रही बात एसपी सिंह बघेल की तो वह भी उस समय समाजवादी पार्टी में थे तो उनको तो यह बात करनी ही नहीं चाहिए. वहीं, उन्होंने मीडिया को भी गोदी मीडिया करार देते हुए कहा कि मीडिया निष्पक्ष बात नहीं कर पा रहा है, मीडिया मात्र गड़े मुर्दे उखड़ता है और मीडिया के जो लोग सत्ता पक्ष के लोगों से सवाल पूछते हैं तो उन्हें जेल भेज दिया जाता है.
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