चुनाव आयोग ने बीते शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान करते वक्त कहा कि कुछ समय बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का भी ऐलान कर दिया जाएगा. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि महाराष्ट्र में साल के अंत में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव कराए जा सकते हैं. राज्य में चुनाव कराने की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन सीट शेयरिंग, प्रत्याशी कौन होंगे और उससे भी पहले विपक्ष में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सुगबुगाहटें तेज हो गई हैं. महराष्ट्र में सीएम फेस कौन होगा, इस पर तरह-तरह के सर्वेक्षण भी किए जा रहे हैं और नेताओं के बयान भी आ रहे हैं.
उद्धव को है मुख्यमंत्री पद की उम्मीद?
बीते 16 अगस्त को मुंबई में महाविकास आघाडी (MVA) की एक बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्वव ठाकरे ने कहा कि "राज्य में चुनाव से पहले विपक्ष का सीएम फेस तय होना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) या एनसीपी (एसपी) के किसी भी नेता का समर्थन करने के लिए तैयार हैं. वे कहते हैं, "मैं अपने लिए नहीं बल्कि राज्य के लिए लड़ रहा हूं." उद्धव के इस बयान के कई राजनीतिक मायने लगाए जा रहे हैं. दरअसल, उद्धव कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी से मिलकर बना महाविकास आघाडी गठबंधन में खुद को बड़े भाई की भूमिका में रखना चाहते हैं और खुद को ही ओपनिंग बैट्समैन बनाने की उम्मीद रखते हैं. उद्धव की ये उम्मीद इसलिए भी बंध रही है क्योंकि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में एमवीए ने 48 में से 31 सीटें जीतें जीतकर एनडीए को करारी शिकस्त दी थी. इस वजह से उद्धव को लगता है कि वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हो सकते हैं.
क्या कहते हैं सीटों के समीकरण
लोकसभा चुनाव में एमवीए ने एनडीए को शिकस्त तो दी लेकिन एमवीए के भीतर सियासी समीकरण बहुत अच्छे नहीं हैं. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 17 में से 13 सीटें जीतीं, शिवसेना (यूबीटी) ने 21 में 9 सीटें जीतीं और एनसीपी ने 10 में से 8 सीटें जीतीं. ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि एनसीपी खुद को सबसे अधिक मजबूत स्थिति में बनाए हुए. शिवसेना (यूबीटी) ने सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा. कार्यक्रम में उद्धव ने कहा कि जब वे भाजपा के साथ गठबंधन में थे तब उनका ये अनुभव रहा है कि जिस पार्टी के पास ज्यादा संख्या होंगी, उसी पार्टी का सीएम बनेगा, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. इस फॉर्मूले के तहत गठबंधन के हर दल में अधिक से अधिक सीटों की मांग की होड़ लग जाती है, जिससे चुनाव के बाद स्थिति और जटिल हो जाती है.
एमवीए गठबंधन में आपस में ही खींचतान
उद्धव ने बीते दिनों कांग्रेस आलाकमान के साथ बैठक करके यह सुनिश्चित करने की मांग की कि अगर एमवीए विधानसभा चुनाव जीतता है, तो उन्हें मुख्यमंत्री पद मिलना चाहिए. हालांकि, कांग्रेस और एनसीपी के क्षेत्रीय दलों की मानें तो सीएम फेस कौन होगा ये चुनाव के बाद ही तय किया जाए तो ठीक होगा. कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री चेहरे के फैसले को रद्द कर दिया है. शिवसेना-उद्धव गुट का कहना है कि उन्हें खुशी होगी कि अगर पूरे विधानसभा चुनाव अभियान का नेतृत्व वो करें. ऐसी मांग उद्धव इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की जनता ने उनका साथ दिया इसलिए जनता के सेंटिमेंट उनके साथ जुड़े हैं.
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एकनाथ शिंदे हैं पहली पसंद - सर्वेक्षण
एबीपी न्यूज पर छपी एक खबर में मैट्रिज सर्वेक्षण एजेंसी और टाइम्स नाऊ के जनमत सर्वेक्षण का हवाला देकर बताया गया है कि अगर 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में आज चुनाव होते हैं तो भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को महावकिास आघाडी से थोड़ी बढ़त मिल सकती है. सर्वेक्षण में बताया गया है कि महाराष्ट्र में भाजपा को 95 से 105 सीटें, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 19 से 24 सीटें और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को 7 से 12 सीटें मिलने के आसार हैं. वहीं कांग्रेस को 42 से 47 सीटें, शिवसेना (यूबीटी) को 26 से 31 सीटें और एनसीटी (एसपी) को 23 से 28 सीटें मिल सकती हैं. अन्य दलों और उम्मीदवारों को 11 से 16 सीटें मिलने का अनुमान है. इस सर्वेक्षण में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्रियों की रेस में सबसे आगे बताया है. ओपिनियन पोल के अनुसार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवारों की सूची में एकनाथ शिंदे सबसे आगे हैं.
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