खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था. अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है. अब असम पुलिस ने बताया है कि शनिवार को डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में कुछ ऐसे कैदियों की कोठरियों से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट मिले हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है. अब पुलिस इसे रोकने के लिए कदम उठा रही है और पता लगी रही है कि आखिर ये चीजें जेल की सेल में कैसे पहुंचीं?
खालिस्तानी समर्थक कट्टरपंथी समूह "वारिस पंजाब दे" (डब्ल्यूपीडी) के 10 सदस्यों को डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल में बंद किया गया था. इन 10 लोगों में अमृतपाल सिंह और उसके एक चाचा भी शामिल हैं. बता दें कि इस संगठन के खिलाफ एक ऑपरेशन के दौरान पंजाब में कई स्थानों से पकड़े जाने के बाद पिछले साल 19 मार्च से उन्हें जेल में रखा गया है.
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खूफिया इनपुट मिलने पर ली गई थी तलाशी
पुलिस महानिदेशक जी.पी. सिंह ने कहा कि अनधिकृत गतिविधि की सूचना मिलने के बाद जेल कर्मचारियों ने परिसर की तलाशी ली. तलाशी के दौरान जब्त किए गए तकनीकी उपकरणों में एक सिम के साथ एक स्मार्टफोन, एक कीपैड फोन, एक कीबोर्ड के साथ एक टीवी रिमोट, पेन ड्राइव, ब्लूटूथ हेडफोन, स्पीकर और एक स्पाई-कैम पेन मिले हैं.
डीजीपी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "इन अनधिकृत सामानों के स्रोत और उन्हें उपलब्ध करने के तरीकों का पता लगाया जा रहा है. आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है और पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.'' हालांकि, असम के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने अपने पोस्ट में अमृतपाल सिंह या डब्ल्यूपीडी के नाम का उल्लेख नहीं किया है.
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पंजाब के कट्टरपंथी संगठन के सदस्य डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद थे, इसलिए एक बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, जिसमें नए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे और खराब सीसीटीवी कैमरे या तो ठीक कर दिए गए थे या बदल दिए गए थे.
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