राजस्थान में खास है यह विधानसभा, सरकार बनाने वाली पार्टी नहीं जीत पाती ये सीट! 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 26, 2023, 10:39 AM IST

Ganga Nagar Assembly Seat

Ganga Nagar Vidhan Sabha: राजस्थान की गंगानगर विधानसभा सीट पर हर बार रोमांचक लड़ाई होती है और नतीजे भी काफी रोचक आते हैं.

डीएनए हिंदी: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार जोरों पर है. ज्यादातर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जा चुका है और प्रत्याशी समर्थन जुटाने में लग गए हैं. ऐसे में अलग-अलग सीटों के इतिहास और उनसे जुड़े रोचक तथ्यों की जानकारी सामने आने लगी है. ऐसी ही एक रोचक विधानसभा सीट है गंगानगर यानी श्रीगंगानगर. इस सीट के बारे में एक पैटर्न देखा गया है कि जिस भी पार्टी की सरकार राजस्थान में बनती है, उसका उम्मीदवार यहां से जीत नहीं पाता. भले ही मौजूदा विधायक राज कुमार गौड़ अभी सत्ता पक्ष यानी कांग्रेस के साथ हैं लेकिन 2018 के चुनाव में वह भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीते थे.

साल 2018 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी. कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट गुट के माने जाने वाले अशोक चंडक को चुनाव लड़ाया था. तब अशोक गहलोत गुट के राज कुमार गौड़ निर्दलीय चुनाव लड़ गए और जीत भी गए. उससे पहले 2013 में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी थी तब इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार को हार मिली थी और नेशनल यूनियनिस्ट जमींदारा पार्टी की कामिनी जिंदल चुनाव जीत गई थीं.

क्या कहते हैं मौजूदा विधायक?
इस बार फिर से कांग्रेस की तरफ से राजकुमार गौड़ अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. हालांकि, कांग्रेस आलाकमान ने अभी तक कोई भी नाम तय नहीं किया है. राजकुमार गौड़ बताते हैं कि इस सरकार ने 25 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस दिया है, कर्मचारियों को पेंशन लौटाई है, 10 लाख का एक्सीडेंट बीमा दिया है, 500 रुपए में गैस सिलेंडर दिया है, बिजली माफ करी है, किसानों को 2000 यूनिट बिजली मिल रही है, गरीबों को अन्नपूर्णा किट दी है. वह कहते हैं, 'मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपने इंटरनल सर्वे करवाए है और टिकट देने से पहले मेरा बस यह मानना है कि पार्टी को रिपोर्ट कार्ड जरूर देखना चाहिए.'

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राजकुमार गौड़ खुद मानते हैं कि इस इलाके में सबसे बड़ी मुश्किल ड्रग्स माफिया है लेकिन क्या ये समस्या सिर्फ श्री गंगानगर की नहीं है. गुजरात में भी बड़ी संख्या में ड्रग्स पकड़ी जाती है. पिछले तीन सालों से इस इलाके में पुलिस प्रशासन ने बड़ी बड़ी खेप पकड़ी हैं और पुलिस बहुत बढ़िया काम कर रही है. पंजाब का पानी रोक देने के मामले पर बोलते हुए राजकुमार गौड़ बताते हैं कि ये समस्या बहुत पुरानी है लेकिन मौजूदा राज्य सरकार ने इसे सुलझाने के लिए बहुत कोशिश की है. फिलहाल पंजाब में AAP की सरकार है जिसकी वजह से ये पूरी प्रक्रिया पटरी से उतर गई है. कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से किसानों के साथ है.

क्या है गंगानगर का इतिहास?
श्रीगंगानगर जिले को बसाने का श्रेय बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह को जाता है. पहले यह हिस्सा बीकानेर संभाग में ही आता था लेकिन बाद में इसे अलग से एक जिला बना दिया गया. यह जिला पाकिस्तान और पंजाब के साथ अपनी सीमाएं साझा करता है. इस इलाके मे बड़े पैमाने पर खेती की जाती है इसीलिए इसे पैदावार की वजह से “राजस्थान की खाद्य टोकरी” भी कहा जाता है.

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कभी श्री गंगानगर, हनुमानगढ़ जैसे जिले पानी की कमी से जूझा करते थे, इस इलाके में सूखा पड़ा करता था तब साल 1927 में बीकानेर के राजा गंगा सिंह हिमाचल प्रदेश और पंजाब के सतलज नदी के अतिरिक्त पानी को नहर के जरिए इस इलाके में लाने का प्रोजेक्ट पूरा करते हैं, जिसे गंगनहर के नाम से जाना जाता है. इस इलाके को मिनी पंजाब भी कहा जाता है क्योंकि पंजाब से लगती सीमा की वजह से इस इलाके का रहन सहन, खाना पीना, भाषा भी लगभग पंजाब जैसे ही है इस पर राजस्थान का असर कम देखने के लिए मिलता है. 

हालांकि, पाकिस्तान से लगती सीमा होने की वजह से इस इलाके की सबसे बड़ी चुनौती है ड्रग्स माफिया और ड्रग्स का कारोबार. कई बार ड्रोन तो कई बार पंजाब की सीमा से ड्रग्स की बड़ी बड़ी खेप इस इलाके में पकड़ी जाती है. इसी की वजह से इस इलाके में कई युवा ड्रग्स के चुंगल में फंसे हुए हैं. इस इलाके की दूसरी सबसे बड़ी समस्या है पंजाब से आने वाला पानी. अभी कुछ वक्त पहले ही पंजाब सरकार ने सतलज नदी के पानी को 10 से 12 दिन पूरी तरह रोक दिया था जिससे गंगनहर पूरी तरह सूख गई थी. बाद में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद पानी छोड़ा गया.

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बीजेपी ने किसे उतारा?
इस बार बीजेपी के टिकट पर लड़ रहे जयदेव बियानी ने साल 2018 में बीजेपी ज्वाइन की थी लेकिन तब उन्हें टिकट नहीं मिला था. इस बार BJP ने अपनी पहली लिस्ट जब जारी की तो सबसे पहले उसमे श्री गंगानगर सीट से जयदेव बियानी की सीट पक्की कर दी गई. अब जयदेव बियानी इसे सबसे बड़ी ताकत बता रहे हैं. उनके अनुसार, अब उनके पास क्षेत्र के हर कार्यकर्ता के पास जाने का पर्याप्त समय है. 

जयदेव कहते हैं, 'बीजेपी में चुनाव टिकट के लिए एक पूरी प्रक्रिया है जो आलाकमान के द्वारा निर्देशित होती है जबकि कांग्रेस में राज्य तो क्या, जिले के लेवल पर ही टिकटों को लेकर कहासुनी हो जाती है. टिकट मांगने का अधिकार हर कार्यकर्ता का है जो पार्टी के लिए काम कर रहा है, थोड़ी बहुत नाराजगी हो ही जाती है लेकिन एक दो दिन के बाद वे पार्टी के लिए एकजुट हो ही जाते है. मौजूदा सरकार के वक्त के श्री गंगानगर अब नशे का गढ़ बन गया है. बच्चो में अब नशा आदत सा बन गया है. प्रशासन नशे के इस कारोबार को राजनीतिक इच्छाशक्ति के कमजोर होने के चलते इसे काबू में नहीं कर पा रहा है.'

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