ED के रिमांड में सच बोल रहीं अर्पिता मुखर्जी, पार्थ चटर्जी नहीं दे रहे हैं साथ!

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 03, 2022, 09:26 PM IST

तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्थ चटर्जी इन दिनों भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं.

24 जुलाई को गिरफ्तार होने के बाद अर्पिता मुखर्जी ED के ज्यादातर सवालों का जवाब दे चुकी हैं. ED को शुरुआती जांच में सफलता मिली है. जांच एजेंसी ने यह बात कोर्ट में स्वीकार की है.

डीएनए हिंदी: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बुधवार को यहां एक विशेष अदालत से एसएससी घोटाला मामले (WB SSC Scam) में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की चार दिनों की हिरासत मांगी है. एजेंसी ने पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) की भी तीन दिनों की हिरासत मांगी. कोर्ट ने बुधवार को दोनों की हिरासत 5 अगस्त तक के लिए जांच एजेंसी को सौंप दी है.

ED ने अर्पिता मुखर्जी के आवास से गहने और दूसरे बेशकीमती सामानों के अलावा करोड़ों रुपये नकद बरामद किए थे. स्पेशल प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) जज जीवन कुमार साधू ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. 

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बेल की मांग लेकिन हो गई खारिज!

पूर्व मंत्री के वकील ने अपने मुवक्किल के लिए जमानत (Bail) का अनुरोध किया जबकि अर्पिता मुखर्जी के वकील ने कहा कि उनकी मुवक्किल के लिए अब और ईडी हिरासत की जरूरत ही नहीं है. अब ईडी घोटाले के बारे में दोनों से पूछताछ करेगी.

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क्या थी सॉलीसीटर जनरल की अपील?

ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल एसवी राजू ने अदालत से कहा कि पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के संयुक्त स्वामित्व वाली कई कंपनियों और संपत्तियों का पता चला है और उन दोनों से इस संबंध में पूछताछ की जरूरत है. एसवी राजू ने दावा किया कि पार्थ चटर्जी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं जबकि अर्पिता मुखर्जी का रवैया अपेक्षाकृत सहयोगपरक है. 

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अर्पिता मुखर्जी पर क्या बोली ED?

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है 24 जुलाई को गिरफ्तार होने के बाद अर्पिता ने ईडी के ज्यादातर सवालों का जवाब दिया है. ईडी को हर रेड में शुरुआती सफलता मिली है. ईडी यह जांचने की कोशिश में जुटी है कि आखिर बरामद हुई रकम किसकी है. पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी दोनों इनकार कर रहे हैं कि पैसा उनका है.

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