CBI जांच की अनुमति नहीं दे रहीं राज्य सरकारें, पेंडिंग में हैं 221 केस, 30,912 करोड़ रुपये का है सवाल

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 28, 2022, 07:50 PM IST

राज्य सरकारें CBI को नहीं दे रही हैं अनुमतियां

CBI Probe Permissions: सीबीआई जांच के लिए कई राज्यों में राज्य सरकारों की अनुमति ज़रूरी है. इस तरह के नियमों की वजह से कई राज्यों ने सीबीआई को सैकड़ों मामलों में जांच की परमिशन ही नहीं दी है.

डीएनए हिंदी: देश के कई राज्यों ने ऐसे नियम बना दिए हैं कि उनके राज्यों के किसी मामले में जांच करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है. अब केंद्र सरकार (Central Government) ने संसद में बताया है कि राज्य सरकारों की ओर से अनुमतियां न मिल पाने की वजह से सीबीआई (CBI) के पास 221 केस पेंडिंग में पड़े हैं. राज्यसभा (Rajya Sabha) में दिए गए एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी गई है कि जिन मामलों में अलग-अलग राज्य सरकारों से अनुमति मांगी गई है, वे 30 हज़ार करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटालों से संबंधित हैं.

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी के एक सवाल के लिखित जवाब के रूप में यह जानकारी दी है. सुशील मोदी ने पूछा था कि 30 जून 2022 तक सीबीआई के पास कितने ऐसे मामले पेंडिंग हैं जिन पर राज्य सरकारों ने जांच की अनुमति नहीं दी है. जवाब में यह भी सामने आया है कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, पंजाब, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे गैर-भाजपाई सरकारें इस मामले में सबसे आगे हैं.

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221 केस, 30,912 करोड़ रुपये का सवाल
जितेंद्र सिंह ने सरकार की ओर से दिए गए जवाब में बताया है कि 40 मामलों पर एक साल से अनुमति नहीं दी गई है. इसके अलावा, 48 मामले छह महीने से एक साल तक पेंडिंग हैं और कुल 133 मामले ऐसे हैं जो छह महीने से पेंडिंग हैं. इन मामलों से संबंधित पैसों की बात करें तो कुल 221 केस में 30,912 करोड़ रुपयों के घोटाले की जांच की जानी है.

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सरकार की ओर से दिए गए जवाब के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार ने कुल 168 मामलों में सीबीआई जांच की अनुमति नहीं दी है. इसमें से 39 केस ऐसे हैं जो एक साल से, 38 केस छह महीने से ज्यादा से और 91 मामले छह महीने से कम समय से पेंडिंग हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में 27 केस पेंडिग हैं जिन पर राज्य सरकार ने सीबीआई को अनुमति नहीं दी है कि वह जांच कर सके.

सबसे आगे महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल
महाराष्ट्र में पेंडिंग पड़े मामलों में 29,040 करोड़ रुपये और पश्चिम बंगाल में 1,194 करोड़ रुपये से जुडे़ मामलों में सीबीआई की जांच की जानी है. इसके अलावा पंजाब, राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ में कुल 26 केस पेंडिंग हैं और इन मामलों से कुल 678 करोड़ रुपये का घोटाला जुड़ा है. आपको बता दें कि महाराष्ट्र को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में गैर-भाजपाई सरकारें हैं. महाराष्ट्र में भी लंबे समय से गैर-भाजपाई सरकारें ही थीं लेकिन पिछले महीने ही एकनाथ शिंदे की बगावत की वजह से बीजेपी सत्ता में आ गई.

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मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में कहा कि प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट, 1988 के मुताबिक, ऐसे मामलों में अनुमति के लिए तीन महीने का समय होता है. इस समय को एक महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट की धारा 17ए के तहत 101 मामले पेंडिंग में हैं जिनके तहत 235 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच की जानी है. ये अधिकारी अलग -अलग मंत्रालयों विभागों और सरकारी बैंकों से जुड़े हैं.

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