डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) ने सहकारी बैंक से 146 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इन पांच लोगों में उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) के दो कर्मचारी भी शामिल हैं. बैंक को चूना लगाने के लिए इन लोगों ने बैंक का सर्वर हैक किया. इसके अलावा, बैंक के मैनेजर और कैशियर के यूजर आईडी और पासवर्ड भी हासिल कर लिए थे. इसी मामले में यूपी एसटीएफ (UP STF) ने जांच शुरू की है और आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी राम राज फतेहपुर के निवासी हैं और उत्तर प्रदेश के गृह विभाग में सेक्शन ऑफिसर हैं. एटा के करमवीर सिंह सीतापुर में सहकारी बैंक में असिस्टेंट मैनेजर हैं. इन दोनों के अलावा शाहजहांपुर के ध्रुव कुमार श्रीवास्तव, कानपुर के आकाश कुमार और भूपेंद्र कुमार को लखनऊ में पॉलिटेक्निक चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया है.
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सर्वर हैक करके उड़ा दिए 146 करोड़ रुपये
यूपी एसटीएफ ने बैंक का एक आईडी कार्ड, 25 आधार कार्ड, बैंक चेक और सात एटीएम कार्ड बरामद किए हैं. इस मामले में उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अजय कुमार त्रिपाठी ने 16 अक्टूबर को साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि सहकारी बैंक के सात खातों से 146 करोड़ रुपये की राशि अवैध तरीके से RTGS के ज़रिए ट्रांसफर कर दी गई.
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जांच में सामने आया कि लखनऊ के हजरतगंज में स्थित सहकारी बैंक के सर्वर को हैक किया गया. आईसीआईसीआई और एसडीएफसी बैंकों में खोले गए अलग-अलग खातों में ये पैसे ट्रांसफर किए गए थे. पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उनकी मुलाकात एक हैकर से हुई जिसने दावा किया था कि वह बैंक के सर्वर को हैक कर सकता है और पैसे ट्रांसफर कर सकता है. आखिर में इन लोगों ने इसी हैकर की मदद से 146 करोड़ रुपये उड़ा दिए.
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