डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. ट्रेन से सफर कर रहे पीके यूनिवर्सिटी, शिवपुरी के वाइस चांसलर रणजीत सिंह के सीने में अचानक दर्द उठा था. ट्रेन में ही मौजूद कुछ छात्रों ने उन्हें ट्रेन से उतारा और अस्पताल ले जाने के लिए गाड़ी ढूंढने लगे. इसी दौरान वहां मौजूद एक जज की कार मांगी गई. कार देने से इनकार कर दिया गया तो छात्रों ने कार की चाबी छीन ली और वाइस चांसलर को अस्पताल ले गए. हालांकि, रणजीत सिंह यादव की जान नहीं बचाई जा सकी. अब इन छात्रों के खिलाफ कार लूटने के आरोप में केस भी दर्ज कर लिया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 68 साल के रणजीत सिंह यादव कुछ स्टूडेंट्स के साथ दक्षिण एक्सप्रेस से दिल्ली से ग्वालियर की ओर जा रहे थे. रविवार रात को ट्रेन आगरा पहुंची तो उनके सीने में दर्द होने लगा और उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. मुरैना आते-आते हालत बहुत खराब हो गई थी. ग्वालियर में छात्रों ने उन्हें ट्रेन से उतार लिया और अस्पताल ले जाने के लिए गाड़ी ढूंढने लगे.
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स्टेशन के बाहर छीन ली जज की कार
प्लेटफॉर्म नंबर 1 के बाहर हाई कोर्ट के जज संजीव एस कलगांवकर की गाड़ी खड़ी थी. स्टूडेंट्स ने उनके ड्राइवर से मदद मांगी और अस्पताल ले जाने की गुहार लगाई लेकिन जब ड्राइवर नहीं माना तो स्टूडेंट्स ने ड्राइवर से चाबी छीन ली. जैसे-तैसे रणजीत सिंह को अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी.
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उधर, जज की कार लूटे जाने की खबर मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई. कुछ ही देर बाद यह कार जयारोग्य अस्पताल के बाहर मिल गई. अब जीआरपी अधिकारी राकेश सेंगर की शिकायत पर इन छात्रों के खिलाफ डकैती की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है. अब इस एफआईआर के खिलाफ ABVP के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि वीसी की जान बचाने के लिए ही उन्होंने कार की चाबी छीनी थी.
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