Success Story: कभी झाड़ू-पोछा लगाती थी ये महिला, आज बनीं SBI में AGM, पढ़ें पूरी कहानी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 02, 2022, 01:42 PM IST

Success Story of Pratiksha Tondwalkar

Success Story of Pratiksha Tondwalkar: प्रतीक्षा टोंडवलकर की इस समय देश भर में चर्चा है. उनकी कहानी है ही इतनी प्रेरक कि किसी को भी मुश्किल हालातों में उठकर खड़े होने और अपना वक्त बदलने का जज्बा मिल जाए.

डीएनए हिंदी: कुछ कहानियां सिर्फ सीख नहीं देती, जिंदगी बदल लेने का जज्बा पैदा कर देती हैं. इन कहानियों में ऐसी ताकत होती है जो किसी डिग्री, पैसे और किस्मत का मोहताज नहीं बनने देती. ऐसी ही एक कहानी सामने आई है पुणे से. इस कहानी की अहम किरदार हैं- प्रतीक्षा टोंडवलकर (Pratiksha Tondwalkar), जिन्होंने अपनी जिंदगी कुछ ऐसे जी कि अब दुनिया भर में इनकी मिसाल दी जा रही है. एक लाइन में बताएं तो प्रतीक्षा टोंडवलकर उस महिला का नाम है जिसने देश के सबसे बड़े बैंक SBI में झाड़ू-पोछा करने के काम से शुरुआत की थी और आज वह इसी बैंक में AGM हैं.

SBI में किया झाड़ू-पोछा करने का काम
सन् 1964 में पुणे में प्रतीक्षा का जन्म हुआ. सिर्फ 17 साल की उम्र में शादी हो गई. शादी के 3 साल बाद ही उन्होंने अपने पति को खो दिया. 20 साल की उम्र में कंधों पर इतनी जिम्मेदारी थी कि सही रास्ता खोजना मुश्किल लग सकता था. मुश्किल लगा भी मगर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और जब एसबीआई बैंक में स्वीपर का काम मिला तो ऐसी शुरुआत से भी हिचकिचाई नहीं. प्रतीक्षा ने सिर्फ 10वीं तक पढ़ाई की थी, ऐसे में उन्हें उस वक्त अपने लिए कोई और नौकरी ढूंढने में काफी मुश्किल हो रही थी. 

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फिर शुरू की पढ़ाई
अपने परिवार को पालने के लिए उन्होंने स्वीपर की तरह काम करना बेशक शुरू कर दिया, मगर पढ़ाई भी पीछे नहीं छोड़ी. साथ-साथ पढ़ाई पर भी ध्यान दिया. ग्रेजुएशन पूरी हुई तो एसबीआई में ही क्लर्क भी लग गईं. इसके बाद भी रुकी नहीं. स्केल 4 फिर सीजीएम और आखिर में अब एजीएम (असिस्टेंट जनरल मैनेजर) के पद पर पहुंचीं. भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India) ने भी उन्हें उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया है.

कैसे की काम और परिवार के साथ पढ़ाई
प्रतीक्षा ने मुंबई के विक्रोली के नाइट कॉलेज में दाखिला लिया. इस दौरान उन्हें उनके सहकर्मियों का काफी सहयोग मिला. 1995 में उन्होंने मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की. उन्हें एसबीआई में काम करते हुए अब 37 साल हो गए हैं. स्वीपर से शुरू हुआ उनका सफर अब बैंक की असिस्टेंट मैनेजर तक पहुंच गया है. वह दो साल में रिटायर हो जाएंगी. 

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