Supertech Twin Tower: 600 किलो के बारूद से 28 अगस्त को जमींदोज होगा सुपरटेक का ट्विन टावर, जानिए क्या है प्रशासन की प्लानिंग

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 14, 2022, 05:36 PM IST

उत्तर प्रदेश के नोएडा में अवैध रूप से बनाई गई Supertech Twin Tower को 28 अगस्त को गिरा दिया जाएगा. इस दौरान नोएडा में प्रशासन हाई अलर्ट पर रहेगा जिससे कोई अप्रिय घटना न हो.

डीएनए हिंदी: अवैध इमारत पर अब फिर सरकारी कार्रवाई होने वाली है क्योंकि नोएडा के सुपरटेक के दो अवैध टावरों (Supertech Twin Tower) को गिराने का समय नजदीक आ गया है. जानकारी के मुताबिक 28 अगस्त की दोपहर को ही इसे ध्वस्त कर दिया जाएगा. इसे ढहाने के लिए करीब 600 किलो बारूद लगाया गया है और रियल इस्टेट कंपनी के इन दोनों टावर्स में कुल तीन हजार सात सौ किलोग्राम विस्फोटक लगाया जाएगा.

इसे गिराने की प्रकिया को लेकर सामने आया है कि इन टॉवरों की हर एक मंजिल पर तकनीकी लिहाज से सैकड़ों सुराखों में बारूद भरा जाएगा. इनमें तार के जरिए पलीता लगा होगा जिससे बारूद का सही असर हो. जानकारी के मुताबिक तीन मिनट में ये दोनों टावर्स एपेक्स और सियान धूल में मिल जाएंगे लेकिन 103 मीटर ऊंचे 32 मंजिल के ये टावर सिर्फ कहने को धूल में मिलेंगे क्योंकि, इनका मलबा 30 मीटर यानी चार मंजिल से ऊंचा होगा.

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विशेषज्ञों की टीम कर रही दिन-रात मशक्कत 

ट्विन टावर को ढहाने के लिए एक कंपनी को अधिकृत किया गया है. इस कंपनी का नाम एडीफाइज इंजिनियरिंग है. कंपनी के अधिकारी उत्कर्ष मेहता के मुताबिक इस टावर को गिराने के लिए बनाई गई 46 लोगों की टीम में छह विदेशी विशेषज्ञ भी शामिल हैं जिनको ऐसी कई इमारतें सुरक्षित ढंग से ढहाने में महारत हासिल है. दस भारतीय इंजिनियरिंग विशेषज्ञ हैं और तीस मजदूर हैं जो कि इस प्रोजेक्ट पर दिन-रात काम कर रहे हैं. 

लगायाा जा रहा है विस्फोटक

जानकारी के मुताबिक Supertech Twin Tower को ध्वस्त करने का तकनीकी काम देख रही कम्पनी के मुताबिक रोज 12 घंटे विस्फोटक लगाने का काम चलेगा. हालांकि 27 अगस्त तक विस्फोटक लगाने और सर्किट के साथ ढहाने की तैयारी पूरी करने का समय तय किया गया है जिसके बाद यह टॉवर जमींदोज हो जाएगा.

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पर्यावरण का रखा गया ध्यान

जब यह बहुमंजिला इमारत गिरेगी तो धूल का गुबार भी सैकड़ों मीटर ऊपर उठेगा और चारों ओर फैलेगा जिससे पर्यावरण पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है.  इसे कंट्रोल करने को जियो फाइबर चादरें लगाई गई हैं. पेड़ पौधों को काली सफेद हरी शीट से ढका गया है जिससे इन्हें किसी भी प्रकार का नुक़सान न हो.

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