JNU छात्र उमर खालिद को नहीं मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई टली

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 05, 2023, 01:51 PM IST

Umar Khalid

Delhi Riot Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जिसके बाद जेएनयू के पूर्व छात्र ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट ने गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) से संबंधित मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई मंगलवार को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दी. यह मामला फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों के कथित षड्यंत्र से जुड़ा है.

जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने उमर खालिद की पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के अनुपस्थित रहने के कारण मामले की सुनवाई स्थगित कर दी. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने 9 अगस्त को खालिद की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. उमर खालिद की दिल्ली हाईकोर्ट के 18 अक्टूबर 2022 के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ के समक्ष आई थी.

यह भी पढ़ें- 'भारत विरोधी नारे नहीं सुन सकता' मिडिल फिंगर दिखाने के आरोपों पर क्या बोले गौतम गंभीर

उच्च न्यायालय ने पिछले साल 18 अक्टूबर को यह कहते हुए उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी कि वह अन्य सह-आरोपियों के लगातार संपर्क में था और उसके ऊपर लगे आरोप प्रथम दृष्टया सही नजर आते हैं. यह भी कहा था कि आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत आरोपी के कृत्य प्रथम दृष्टया आतंकवादी कृत्य माने जाने के योग्य हैं. उमर खालिद और शरजील इमाम सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ, फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों का कथित ‘मास्टरमाइंड’ होने के आरोप में यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए थे.

दिल्ली दंगे में मारे गए थे 53 लोग
दिल्ली में ये दंगे संशोधित नागरिकता कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शनों के दौरान भड़के थे. इनमें 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे. नागरिकता (संशोधन) कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान यह हिंसा भड़की थी. दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2020 को खालिद को गिरफ्तार किया था. उसने इस आधार पर जमानत मांगी है कि हिंसा में उसकी कोई आपराधिक भूमिका नहीं थी और न ही मामले में किसी अन्य आरोपी के साथ कोई षडयंत्रकारी संबंध था. (इनपुट- भाषा)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.