डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना (Justice N V Ramana) ने अपने रिटायरमेंट के मौके पर अदालतों में पेंडिंग पड़े केसों की संख्या पर चिंता जताई थी. नए चीफ जस्टिस यू यू ललित (CJI U U Lalit) ने आते ही इसी दिशा में काम कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में केसों को तेजी से निपटाया जा रहा है. यू यू ललित के चीफ जस्टिस बनने के पहले ही हफ्ते में 1293 केसों को निपटाया गया है. वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में 70 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग पड़े हैं.
चीफ जस्टिस यू यू ललित ने कहा है कि केसों का निपटारा बहुत तेजी से हो रहा है और कोशिश रहेगी की ज्यादा से ज्यादा केसों को खत्म किया जा सके. उन्होंने बताया कि सिर्फ़ 4 दिनों के कामकाज में 106 पुराने मामलों का, 440 केस ट्रांसफर याचिकाओं और 1293 नए मामलों का निपटारा किया है. जस्टिस यू यू ललित ने कहा कि यह संदेश हर जिले, हर इलाके में जाना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट इस रफ्तार से काम कर रहा है.
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कई मामलों को संविधान पीठ को भेजने के मामले पर उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य यह है कि हम तय करना चाहते हैं कि इन मामलों की सुनवाई किस तरह होगी और कितना समय लगेगा. उन्होंने कहा कि इस तरह की सुनवाई से पहले सभी पक्ष अपनी-अपनी दलीलों को लिखित रूप में जमा करेंगे और बताएंगे कि उनको बहस के लिए कितना समय चाहिए.
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बताना होगा कि बहस के लिए कितना समय चाहिए
उन्होंने यह भी बताया कि जो चार मामले संविधान पीठ को भेजे गए हैं उनके लिए एक नोडल एडवोकेट नियुक्त किया जाएगा. सभी पक्षकार इसी नोडल एडवोकेट को जानकारी देंगे कि कि सुनवाई के लिए कितना समय चाहिए. एक मामले को एक हफ्ते के अंदर और तीन कार्य दिवसों में निपटारा करना होगा. ऐसा न होने पर मामलों को सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग पड़े हैं 70 हजार से ज्यादा केस
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 15 सितंबर 2021 तक देश की अदालतों में पेंडिंग पड़े केस की संख्या 4.5 करोड़ से भी ज्यादा थी. इसमें सबऑर्डिनेट कोर्ट में 87.6 फीसदी मामले पेंडिंग पाए गए. वहीं, हाई कोर्ट में 12.3 प्रतिशत मामले पेंडिंग में हैं. सुप्रीम कोर्ट में भी 70 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग हैं. एक अनुमान के मुताबिक, अगर अब सुप्रीम कोर्ट में कोई केस न दर्ज हो तब भी इतने केस को निपटाने में एक साल से ज्यादा का समय लग जाएगा.
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