Supreme Court On Kolkata Rape Case: सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता रेप केस मामले की सुनवाई मंगलवार को हुई. इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने विकिपीडिया के पेज पर पीड़िता के नाम और तस्वीर लगाए जाने पर चिंता जाहिर की थी. इस पर सर्वोच्च अदालत ने निर्देश दिया है कि तत्काल इस पेज से पीड़िता की पहचान जाहिर करने वाली सभी चीज़ें (नाम, तस्वीर वगैरह) हटाई जानी चाहिए. इससे पहले भी कोर्ट ने पीड़िता की पहचान जाहिर किए जाने पर अपनी नाराजगी जताई थी. चीफ जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी.पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है.
इस मामले की सुनवाई के दौरान एक अन्य वकील ने कोर्ट को बताया कि जब विकिपीडिया से पीड़िता (Kolkata Rape And Murder Case) का नाम हटाने के लिए कहा गया, तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया है. विकिपीडिया का कहना है कि उन पर सेंसरशिप लागू नहीं हो सकती है. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने साफ किया कि यह सेंसरशिप नहीं है, बल्कि कानून के अनुसार रेप पीड़िता की पहचान को गुप्त रखना जरूरी है.
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पीड़िता की गरिमा से न हो समझौता
गौरतलब है कि पीठ ने 20 अगस्त को सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पीड़िता का नाम और फोटो हटाने का निर्देश पहले ही जारी किया था. पीठ ने विकिपीडिया को इस निर्देश का पालन करने का आदेश दिया और कहा कि मृतक की गरिमा और गोपनीयता बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है. रेप और हत्या के मामलों में पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की जानी चाहिए.
पूरे देश में आक्रोश, पीड़िता के लिए न्याय की मांग
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त की सुबह एक जूनियर ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था. महिला डॉक्टर के साथ रेप की पुष्टि हुई थी. इस घटना के बाद देश भर में डॉक्टरों का हड़ताल और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. इस मामले में एक सिविक वॉलंटियर संजय रॉय मुख्य आरोपी है. वित्तीय भ्रष्टाचार के मामले में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और एक पुलिसकर्मी को भी अरेस्ट किया गया है.
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सीबीआई कर रही है मामले की जांच
इस केस को सीबीआई को सौंप दिया गया है. सीबीआई का दावा है कि प्रिंसिपल और पुलिस अधिकारी ने सबूत नष्ट करने की कोशिश की थी. इस बीच ममता बनर्जी सरकार ने विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टरों की प्रमुख मांगों में शामिल कोलकाता पुलिस प्रमुख और दो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को हटाने पर अपनी सहमति दे चुकी हैं.
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