Central Vista Project: नई संसद पर लगे 'क्रूर' शेर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका, कहा-ये सिर्फ सोच पर निर्भर

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 30, 2022, 03:37 PM IST

Ashok Stambh: संसद भवन की नई बिल्डिंग के ऊपर लगे अशोक स्तंभ के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी. 

डीएनए हिंदीः सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) के तहत बनाई जा रही संसद की नई बिल्डिंग के ऊपर लगे नए अशोक स्तंभ (Ashok Stambh) के खिलाफ दाखिल याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. याचिकाकर्ता का कहना था कि यहां लगाये गए राष्ट्रीय प्रतीक के शेर, सारनाथ म्यूजियम में संरक्षित रखे गए राष्ट्रीय चिन्ह के गम्भीर शांत शेरों की तुलना में कहीं ज़्यादा 'क्रूर' नजर आ रहे है. कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है. 

कोर्ट ने क्या कहा? 
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. वकील अलदानिश रेन ने दलील दी कि संसद की नई इमारत के ऊपर लगे शेर पहले से ज्यादा 'क्रूर' नजर आ रहे हैं. याचिका में यह भी तर्क दिया गया कि इसके ऊपर देवनागरी में सत्यमेव जयते भी नहीं लिखा है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि शेर का ज़्यादा क्रूर नज़र आना व्यक्ति विशेष के दिमाग पर निर्भर करता है. ये कही से भी भारतीय राष्ट्रीय चिन्ह (दुरुपयोग की रोकथाम) एक्ट का उल्लंघन नहीं करते हैं. 

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कैसा है संसद की नई इमारत पर लगा अशोक स्तंभ
बता दें कि संसद की नई बिल्डिंग पर लगा अशोक स्तंभ राष्ट्रीय प्रतीक ब्रॉन्ज से बना है. इस स्तंभ का वजन 9500 किलो है और उसकी लंबाई 6.5 मीटर है. यह अशोक स्तंभ जमीन से 108 फीट ऊंचा है. 100 से ज्यादा कारीगरों ने इसे करीब 9 महीने में तैयार किया है. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की सलाह पर ब्रॉन्ज मेटल से बने राष्ट्रीय प्रतीक का शुरुआती कॉन्सेप्ट डिजाइन अहमदाबाद के हसमुख सी पटेल ने तैयार किया. 

विपक्षी दलों ने बनाया था मुद्दा 
अशोक स्तंभ को लेकर विपक्षी दलों ने मुद्दा बनाया था. दरअसल इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूजापाठ के साथ किया था. एआईएमआईएस चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि पीएम मोदी के साथ लोकसभा अध्यक्ष भी मौजूद थे. चूंकि संसद भवन के नए परिसर का निर्माण हो रहा है ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को इसका उद्घाटन करना चाहिए था. वहीं विपक्ष की ओर से यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि राष्ट्रीय प्रतीक में फेरबदल किया गया है. इसमें बने हुए शेर सारनाथ में स्थित स्तंभ से अलग हैं. कई विपक्षी नेताओं ने तो आरोप लगाया है कि संसद की नई इमारत की छत पर स्थापित राष्ट्रीय प्रतीक के शेर आक्रामक मुद्रा में नजर आते हैं जबकि ओरिजिनल स्तंभ के शेर शांत मुद्रा में हैं.  

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