Taj Mahal के बंद कमरों को खोलने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज, कहा-पहले रिसर्च करें

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 21, 2022, 12:57 PM IST

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह याचिका जनहित के बजाए प्रचार के लिए दाखिल की गई प्रतीत होती है इसलिए इसे खारिज किया जा रहा है. 

डीएनए हिंदीः ताजमहल (Taj Mahal) के बंद कमरों को खोलने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज कर दिया दिया है. कोर्ट ने कहा कि इस याचिका को जनहित के बजाए प्रचार के लिए दाखिल किया गया प्रतीत हो रहा है. इसलिए इस याचिका को खारिज किया जा रहा है. बता दें कि इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी ऐसा ही फैसला दिया था जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला सही था.  

याचिका में क्या थी मांग 
याचिकाकर्ता के वकील रुद्र विक्रम सिंह की ओर से पहले हाईकोर्ट में केस दाखिल किया गया था. इसमें ताजमहल में मौजूद 22 कमरों को खोलने की मांग की गई है. इससे पता चल सके कि इनके अंदर किसी देवी देवता की मूर्ती या शिलालेख है या नहीं. ताजमहल के ये 22 कई दशकों से बंद हैं. इतिहासविदों के अनुसार कहा जाता है कि मुख्य मकबरे और चमेली फर्श के नीचे 22 कमरे हैं, जो अभी तक बंद है. मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि पहले आप किसी यूनिवर्सिटी में नाम लिखवाएं, पीएचडी करें और जानकारी जुटाएं और इस विषय पर ठीक से रिसर्च करें.

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सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती 
इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे खारिज कर दिया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा था कि कमरे को खोलने की मांग के लिए किसी भी ऐतिहासिक शोध की जरूरत है, हम रिट याचिका पर विचार करने में सक्षम नहीं हैं, यह याचिका खारिज की जाती है.

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