सुप्रीम कोर्ट ने को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत किसी भी व्यक्ति को समन भेजने का अधिकार है. अगर जांच एजेंसी को कार्यवाही के दौरान किसी भी व्यक्ति को तलब करना जरूरी लगता है, तो समन भेजने और तलब करने का पूरा अधिकार है. कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रथम दृष्टया किसी भी व्यक्ति के लिए समन का जवाब देना और तलब किए जाने पर उपस्थित होना जरूरी है. कोर्ट ने कहा कि अगर प्रवर्तन निदेशालय ने समन भेजा है, तो उसका सम्मान करना और पेश होना जरूरी है.
समन का सम्मान करना ज़रूरी
सु्प्रीम कोर्ट की टिप्पणी मनी लॉन्ड्रिंग संबंधित केस के लिए बेहद अहम मानी जा रही है. कोर्ट ने कहा कि पीएमएलए की धारा 50 के तहत तलब किए गए व्यक्ति को मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय से मिले समन का सम्मान करना और उसका जवाब देना जरूरी है. जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने यह फैसला दिया है.
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SC की टिप्पणी, समन का सम्मान करें
कोर्ट ने पीएमएलए के प्रावधानों की जांच के बाद टिप्पणी करते हुए कहा कि जिन लोगों को समन जारी किया गया है, उनके लिए ईडी के उक्त समन का सम्मान करना और उसका जवाब देना भी जरूी है. सुप्रीम कोर्ट ने रेत खनन घोटाले की जांच के सिलसिले में ईडी की ओर से तमिलनाडु के पांच जिला कलेक्टरों को समन जारी किए जाने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए यह अहम टिप्पणी की है.
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रेत खनन मामले में ईडी के भेजे समन को तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट में चुनौती दी थी और हाई कोर्ट की खंडपीठ ने समन पर रोक लगा दी थी. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें कोर्ट ने समन के लिए पेश होने का निर्देश दिया है.
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