अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने 9 साल पुराने मामले में कार्रवाई पर लगाई अंतरिम रोक

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 01, 2023, 10:38 PM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. 

अरविंद केजरीवाल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के एक आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

डीएनए हिंदी: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvindi Kejriwal) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने 2014 के संसदीय चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर केजरीवाल के खिलाफ दर्ज मामले में कार्रवाई पर लगी अंतरिम रोक सोमवार को बढ़ा दी. केजरीवाल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के एक आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

हाईकोर्ट ने जनवरी में सुल्तानपुर की एक निचली अदालत के समक्ष लंबित आपराधिक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल को आरोपमुक्त करने से इनकार कर दिया था. एफआईआर में अरविंद केजरीवाल पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 के तहत आरोप लगाया गया है, जो चुनावों के सिलसिले में विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित है. जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई स्थगित कर दी है.

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सुप्रीम कोर्ट  यह देखते हुए कदम उठाया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्थगन के लिए एक पत्र प्रेषित किया गया है जिसमें उसने अपना जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगा है. पीठ ने कहा कि इस मामले को जुलाई के तीसरे सप्ताह सुना जाएगा. तब तक अंतरिम आदेश जारी रहेगा.

क्या था पूरा मामला?
AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक चुनावी रैली के दौरान कथित तौर पर कहा था, 'जो कांग्रेस को वोट देगा, मेरा मानना होगा, देश के साथ गद्दारी होगी. जो भाजपा को वोट देगा, उसे खुदा भी माफ नहीं करेगा.' वकील विवेक जैन के जरिए दायर की गई अपनी याचिका में केजरीवाल ने कहा है कि याचिका कानून के कुछ महत्वपूर्ण सवालों को उठाती है, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या अधिनियम की धारा 125 के तहत, बिना किसी वीडियो क्लिप या कथित भाषण की पूरी प्रतिलिपि के मामला बनाया जा सकता है. (इनपुट- भाषा)

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