Supreme Court News: देश में जब भी किसी नेता को कोर्ट से जमानत मिलती है तो वो अपने समर्थकों के साथ रैली और जुलूस निकालकर ऐसे घर जाते हैं कि मानो कहीं जीत हासिल करके जा रहे हैं. लेकिन अब ऐसा करना भारी पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर जमानत पर छूटने वाले नेताओं को चेतावनी दी है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा 'रैली निकाली तो जमानत होगी रद्द'. सुप्रीम कोर्ट ने उन नेताओं को चेतावनी दी है, जो जमानत के बाद रैली निकालते हैं.
किस मामले में की टिप्पणी
दरअसल, मंगलवार को कोर्ट ने सोपने गोड के मामले की सुनावाई करते हुए नेताओं को लेकर टिप्पणी की है. कोर्ट में गौड़ के मामले में पिछले साल हुए इस तरह जुलूस निकालने पर नाराजगी जताई है. दरअसल, महाराष्ट्र में रहने वाले गोड पर हत्या का आरोप है. इसके साथ ही उस पर और भी मुकदमें दर्ज हैं. हत्या मामले में हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे जमानत दे दी थी.
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कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उसने इलाके में खौफ फैलाने के लिए अपने समर्थकों के साथ कई कारों और बाइकों के साथ रैली निकाली, जिसके लेकर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच काफी नाराज दिखी. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा,'नेताओं ने आदत बना ली है कि उन्हें जमानत मिलने के बाद शहर में रैली निकालनी है, लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि इस काम से आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.'
जमानत हो सकती है रद्द
वहीं गोड के वकील को कोर्ट ने रैली को लेकर माफी मांगने के लिए कहा और एक हलफनामा दायर करने की बात कही, जिससे भविष्य में अन्य ऐसी कोई कार्य उनके द्वारा ना किया जाए.'कोर्ट ने यह भी कहा कि भविष्य में अगर कोई भी नेता अपने सपर्थकों के साथ रैली निकालते हुए दिखाई दिए तो उनका जमानत रद्द भी किया जा सकता है.
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