डीएनए हिंदी: भारतीय कुश्ती महासंघ के चेयरमैन बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. शुक्रवार को इस पर कोर्ट में सुनवाई की जाएगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को भी नोटिस जारी किया है और पूछा है कि शिकायत पर एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई. पहलवानों ने एक नाबालिग समेत 7 लड़कियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हैं.
सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि खिलाड़ियों के आरोप बेहद गंभीर हैं. कोर्ट ने कहा, 'भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. हम अनुच्छेद 32 के तहत मूल अधिकारों के संरक्षण के लिए तत्पर हैं.' कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट को भी नोटिस जारी किया है और पूछा है कि पहलवानों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई. पहलवान इसी बात को लेकर धरने पर बैठे थे कि शिकायत के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की गई जबकि मामला यौन उत्पीड़न का है.
यह भी पढ़ें- Dial 112 पर दी धमकी, 'सीएम योगी को जल्द ही जान से मार दूंगा', केस दर्ज
नाम उजागर न करने के निर्देश
इस याचिका में यौन उत्पीड़न की शिकार उन सभी पहलवानों को वादी बनाया गया है जो उत्पीड़न का शिकार हुई हैं. इनमें नाबालिग पहलवान का नाम भी शामिल है. कोर्ट ने साफ कहा है कि याची महिलाओं के नाम उजागर नहीं होने चाहिए. कोर्ट में पहलवानों के वकील कपिल सिब्बल ने कहा, 'इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से एक कमेटी बनाई गई लेकिन उसने क्या किया अब तक पता नहीं चल पाया है. अब तो हद हो चुकी है.'
.
s
यह भी पढ़ें- DM जी कृष्णैय्या के हत्यारे आनंद मोहन समेत 27 लोगों की रिहाई की लिस्ट जारी
धरने पर बैठे पहलवानों का कहना है कि उन्होंने कनाट प्लेस थाने में शिकायत दी थी लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई. पहलवानों ने यह भी कहा कि लगभग ढाई महीने पहले जो कमेटी बनाई गई थी उसकी रिपोर्ट के बारे में भी अब तक कोई पता नहीं है. इसी के चलते पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.