डीएनए हिंदीः चुनाव में मुफ्त की योजनाओं (Free Schemes) की वादा करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज अहम सुनवाई होनी है. बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि चुनाव में मुफ्त बिजली, पानी, लैपटॉप जैसी योजनाओं का वादा करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. इससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है. कर्ज माफी जैसे वादों से देश को नुकसान होता है. याचिका में ऐसे वादे करने वाली पार्टियों की मान्यता रद्द करने की मांग की गई है.
रेवड़ी कल्चर पर पीएम मोदी ने भी कजा तंज
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी रेवड़ी कल्चर को लेकर नाराजगी जताई थी. उन्होंने कहा कि ऐसे वादों से टैक्स पेयर पर किसी ना किसी रूप में असर पड़ता है. ऐसे वादे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाते हैं. पीएम मोदी (Narendra Modi) ने जनता को लुभावने वादों से वोटबैंक बनाने के लिए 'रेवड़ी कल्चर' (Rewadi Culture) को लेकर एक बार फिर विपक्षी पार्टियों पर तंज कसा. उन्होंने मुफ्त सुविधाएं देने के वादों को लेकर बुधवार को कहा कि अगर सियासत में स्वार्थ होंगे तो कोई भी आकर कल पेट्रोल-डीजल मुफ्त देने का ऐलान कर सकता है.
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सुप्रीम कोर्ट ने दिया कमेटी बनाने पर दिया जोर
बता दें कि फ्री योजनाओ को लेकर दायर याचिका पर 3 अगस्त को सुनवाई हुई थी. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एक कमेटी बनाने की बात कही थी. इस मामले में कोर्ट आज फिर सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस ए वी रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा कि इस मामले को लेकर एक कमेटी बने जिसमें वित्त आयोग, नीति आयोग, रिजर्व बैंक, लॉ कमीशन, राजनीतिक पार्टियों समेत दूसरे पक्षों के प्रतिनिधि होने चाहिए. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पहले भी ऐसे वादों को लेकर नाराजगी जता चुका है.
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