Supreme Court ने महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को जारी किया नोटिस, जवाब देने तक नहीं ले सकते कोई फैसला

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 27, 2022, 03:48 PM IST

सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court Notice: सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और शिवसेना को नोटिस जारी कर दिया है.

डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र की राजनीतिक हलचल के बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने विधानसभा के डिप्टी स्पीकर (Maharashtra Deputy Speaker) को नोटिस जारी कर दिया है. इस नोटिस पर जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है. डिप्टी स्पीकर की ओर से वकील राजीव धवन ने कोर्ट से कहा है कि इस दौरान विधायकों की अयोग्यता के मसले पर कोई फैसला नहीं लिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की याचिका पर सुनवाई करते हुए शिवसेना (Shiv Sena), महाराष्ट्र सरकार, केंद्र सरकार और विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को नोटिस जारी किया है. इन सभी को जवाब दाखिल करने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है.

कोर्ट ने इन सभी को नोटिस जारी करने के बाद अगली सुनवाई 11 जुलाई को रखी है. एडवोकेट राजीव धवन ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि इस दौरान डिप्टी स्पीकर बागी विधायकों की अयोग्यता पर कोई फैसला नहीं लेंगे. कोर्ट ने पूछा कि क्या हम इसे रिकॉर्ड पर ले लें? एकनाथ शिंदे ग्रुप की के वकील ने इसे रिकॉर्ड पर लेने का आग्रह किया लेकिन वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका विरोध किया.

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एकनाथ शिंदे गुट को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, 11 जुलाई तक दें जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट की ओर से सदन में पार्टी के नए नेता चुने गए अजय चौधरी और सुशील प्रभु को भी नोटिस जारी किया है और उनसे पांच दिन में जवाब देने को कहा है. इसके अलावा, एकनाथ शिंदे गुट को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर वे 11 जुलाई शाम 5:30 बजे तक जवाब दे सकते हैं. इससे पहले, डिप्टी स्पीकर ने उन्हें आज यानी रविवार शाम क जावब देने को कहा था.

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आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल की ओर से शिवसेना के 16 बागी विधायकों को उनकी सदस्यता खत्म करने के लिए नोटिस जारी किया गया है. इसी नोटिस के खिलाफ विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.

बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि उन्हें जान का खतरा है. 39 विधायकों की सुरक्षा को खतरे के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल के बयान को रिकॉर्ड पर लिया है कि विधायकों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं और राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि विधायकों की संपत्ति, उनकी आजादी या उनकी जान को किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं होगा.

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