Subramanian Swamy का दावा- तमिलनाडु के 40 हजार मंदिरों पर है राज्य सरकार का कब्जा, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 29, 2022, 08:25 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से मांगा जवाब

Tamilnadu Temple Subramanian Swamy: बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है.

डीएनए हिंदी: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता सुब्रमण्यन स्वामी (Subramanian Swamy) ने आरोप लगाए हैं कि तमिलनाडु सरकार ने राज्य के 40 हजार मंदिरों पर मनमाने ढंग से कब्जा कर लिया है. इसी मामले में सुब्रमण्यन स्वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी कर दिया है. कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार (Tamilnadu Government) से जवाब दाखिल करने को कहा है. सुब्रमण्यन स्वामी ने तमिलनाडु हिंदू धार्मिक और धार्मिक विन्यास अधिनियम, 1959 के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है. 

स्वामी का आरोप है कि राज्य सरकार ने मनमाने ढंग से और असंवैधानिक रूप से इन मंदिरों और हिंदू धार्मिक संस्थाओं के प्रशासन, प्रबंधन और नियंत्रण पर कब्जा करने के लिए इस कानून का इस्तेमाल किया था. सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी के निपटारे तक राज्य के मंदिरों और हिंदू धार्मिक संस्थाओं में पुजारियों की नियुक्ति या बर्खास्तगी से राज्य को रोकने के लिए अंतरिम राहत के अनुरोध पर भी नोटिस जारी किया है. 

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पहले से भी पेंडिंग में हैं कई याचिकाएं
सुनवाई की शुरुआत में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने सुब्रमण्यन स्वामी से कहा कि इसी तरह के मुद्दों को उठाने वाली कुछ रिट याचिकाएं शीर्ष अदालत में लंबित हैं. न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने कहा कि उनके पास उन याचिकाओं में से एक पर विचार करने का अवसर है और इस अर्जी को इसके साथ सूचीबद्ध किया जा सकता है. स्वामी ने पीठ से कहा, 'आप तब नोटिस जारी कर सकते हैं.' 

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सुप्रीम कोर्ट ने अर्जी पर नोटिस जारी किया और इस पर तमिलनाडु सरकार से जवाब मांगा. बेंच ने कहा कि अर्जी पर लंबित याचिका के साथ सुनवाई की जाएगी. स्वामी ने कहा, 'आपसे एक छोटा सा अनुरोध है, मैंने अंतरिम रोक के लिए कहा है क्योंकि यह एक महामारी बन रही है. इसलिए, मैंने अंतरिम रोक का अनुरोध किया है.' बेंच ने कहा, 'किस तरह का अंतरिम स्थगन? अभी हम इस अधिनियम पर रोक नहीं लगा सकते.' 

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इस पर स्वामी ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार द्वारा 'अर्चकों' की नियुक्ति के संबंध में अंतरिम राहत का अनुरोध किया है, जिसके बाद बेंच ने एक नोटिस जारी किया. बेंच ने कहा कि मामले पर अगले महीने लंबित याचिका के साथ सुनवाई की जाएगी. अर्जी में 1959 के अधिनियम की धारा 21, 23, 27, 28, 47, 49, 49बी, 53, 55, 56 और 114 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है. अर्जी में कहा गया है, 'अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करके, प्रतिवादी-सरकार ने धर्म का पालन करने, इसे मानने और अपने धर्म का प्रचार करने के संबंध में हिंदुओं के अधिकारों की पूरी तरह अवहेलना करते हुए तमिलनाडु में लगभग 40,000 हिंदू मंदिरों पर कब्जा कर लिया है.'

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