लोक सभा चुनाव (Lok Sabha Election) को लेकर सभी पार्टियां दिन-रात अपनी दावेदरियां मजबूत करने में लगी हुई हैं. कई सियासी समीकरण बन रहे हैं, बिगड़ रहे हैं. वही चुनाव आयोग (EC) भी अपनी तमाम तैयारियों को लेकर बेहद संजीदगी से काम कर रहा है. चुनाव को प्रभावी और पारदर्शी बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट (SC) लगातार एक्शन मोड में दिख रहा है. चाहे वो इलेक्टोरल बॉन्ड वाला मुद्दा हो या कोई अन्य मुद्दा हो. इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने फिर एक बार बड़ा कदम उठाया है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है कि क्या लोकसभा चुनाव के परिणाम के दौरान ईवीएम (EVM) के साथ सभी वीवीपैट पर्चियों की भी गिनती की जाएगी?
EVM की जांच में VVPAT का इस्तेमाल
असल में सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर एक याचिका दायर की गई थी. इसी की सुनवाई करते हुए SC ने EC और केंद्र सरकार से स्थिति साफ करने के लिए कहा है. फिलहाल VVPAT पर्चियों का इस्तेमाल सिर्फ ईवीएम की जांच के लिए ही किया जाता है.
क्या होता है VVPAT?
'वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल' (VVPAT) के जरिए मतदाता ये देख सकते हैं कि उनका मत किस प्रत्याशी को गया है. VVPAT पर्ची कागज की होती है. इसे एक मतपेटी जैसे बक्से में रख दिया जाता है. चुनाव परिणाम को हुए विवाद के समय ही इसे खोलने का प्रावधान है.
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