'सैलरी आने पर बुरा लगता है...', जानिए SC जज BV Nagarathna ने क्यों कही ये बात

Written By आदित्य प्रकाश | Updated: Sep 04, 2024, 01:01 PM IST

Justice BV Nagarathna

Supreme Court की जस्टिस BV Nagarathna ने सिविल जजों को पिछली सैलरी देने से इनकार कर दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि छुट्टियों के दौरान जब उन्हें सैलरी मिलती है, तो उन्हें खुद बुरा लगता है.

Supreme Court हर साल गर्मियों में बंद रहता है, और इस दौरान जजों को 'Paid' छुट्टियां मिलती हैं. जस्टिस BV Nagarathna ने एक मामले की सुनवाई के बीच कहा कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान जब उन्हें सैलरी मिलती है, तो उन्हें बुरा लगता है. उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि वो उस दौरान काम नहीं करतीं, इसलिए उन्हें सैलरी लेते हुए शर्म महसूस होती है. 

एक अहम सुनवाई के दौरान कही ये बातें
यह बात उन्होंने उन सिविल जजों को पिछली सैलरी देने से इनकार करते हुए कही है. इन जजों को मध्य प्रदेश सरकार ने पहले बर्खास्त किया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उन्हें बहाल कर दिया गया था. सीनियर एडवोकेट गौरव अग्रवाल ने जस्टिस नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच को बताया कि चार जजों की बर्खास्तगी को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है, लेकिन दो और जजों की बर्खास्तगी को अदालत ने सही ठहराया है. इसके बाद, सीनियर एडवोकेट आर बसंत ने गुहार लगाई कि जिन जजों को बहाल किया गया है, उन्हें बर्खास्तगी के दौरान की बकाया सैलरी दी जाए.


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बिना काम के सैलरी नहीं
जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि जब जजों ने बर्खास्तगी के दौरान काम नहीं किया, तो उन्हें पिछली सैलरी नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा, 'जज जिस तरह का काम करते हैं... आप जानते हैं कि जिन लोगों को बहाल किया जा रहा है, वे पिछली सैलरी की उम्मीद नहीं कर सकते. हमारा विवेक इसकी इजाजत नहीं देता है.' सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद हाई कोर्ट को ऑर्डर दिया है कि वह जल्द से जल्द आदेश जारी करे ताकि चारों जज अपनी ड्यूटी पर वापस लौट सकें.

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