सुप्रीम कोर्ट में बुधवार यानी आज बुलडोजर एक्शन को लेकर सुनवाई हुई है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की ओर से बड़ी टिप्पणी की गई है. SC ने कहा है कि सरकारी ताकत का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. सुनवाई के दौरान जस्टिस गवई ने कवि प्रदीप की एक कविता का जिक्र करते हुए कहा कि घर एक ख्वाब है, जो कभी भी न टूटे. जज की ओर से कहा गया कि जुर्म की सजा किसी के आवास को तोड़ना नहीं हो सकता है, मुजरिम पर आरोप लगना या जुर्म तय होना घर तोड़ने की वजह नहीं होनी चाहिए.
जज ने सुनवाई के दौरान और क्या सब कहा
सुनवाई के दौरान जज ने आगे कहा कि 'हमारी ओर से सभी दलीलों को सुना गया. लोकतांत्रिक सिद्धांतों को विचार में लेते हुए निर्णय लिया गया. साथ ही न्याय के सिद्धांतों को भी हमने न्याय के आधार के तौर पर रखा.' साथ ही उन्होंने कहा कि 'सरकार का दायित्व है कि कानून का शासन कायम रहे, लकिन इसे ध्यान में रखते हुए कि नागरिक हकों की रक्षा संवैधानिक लोकतंत्र के लिए आवश्यक है.'
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कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को लेकर जारी किए दिशानिर्देश
कोर्ट की ओर से बुलडोजर एक्शन को लेकर दिशानिर्देश जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि कार्रवाई करने से पहले 15 दिन की समयसीमा देनी चाहिए. साथ ही कहा गयय है कि नोडिल अधिकारी 15 दिन पूर्व ही नोटिस भेजें. नोटिस भी पूरे नियम-कायदे से भेजे जाने चाहिए. नोटिस को निर्माण स्थान पर चिपकाना अनिवार्य है. इसके साथ ही कहा गया है कि इस नोटिस को डिजिटल पोर्टल पर भी अपलोड किया जाना चाहिए.
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