सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond) संबंधी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने नामंजूर कर दी है. एसबीआई ने आंकड़े देने के लिए और समय मांगा था, लेकिन कोर्ट ने 12 मार्च तक डेटा देने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस पर सुनवाई करते हुए बैंक को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि आप और समय मांग रहे हैं, लेकिन पहले ये बताएं कि पिछले 26 दिनों में क्या कदम उठाए गए. पांच जजों की बेंच ने यह भी पूछा कि SBI बताए कि आंकड़े जुटाने में किस तरह की अड़चन आ रही है.
CJI ने पूछे तीखे सवाल
इस पर जवाब देते हुए बैंक की ओर से कहा गया कि हमें डेटा (चुनावी बॉन्ड) देने में कोई दिक्कत नहीं है, सिर्फ उन्हें इकट्ठा करने के लिए थोड़ा और वक्त चाहते हैं. चीफ जस्टिस ने इस पर कहा कि कृपया आप मुझे बताएं कि पिछले 26 दिनों में आपने क्या किया? इसके बाद जस्टिस खन्ना ने भी कहा कि आप (SBI) मान रहे हैं कि डिटेल देने में आपको कोई ऐतराज नहीं है. ऐसे में, तो इन 26 दिनों में तो काफी काम हो सकता था.
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5 जजों की बेंच ने की सुनवाई
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 5 जजों की बेंच कर रही है. सीजेआई के अलावा पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस मनोज मिश्रा हैं. एसबीआई के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि डेटा को डिकोड करने में वक्त लगेगा. इसके लिए थोड़े और समय की दरकार है. इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनावी बॉन्ड की जानकारी तुरंत चुनाव आयोग को दें.
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Supreme Court ने कहा, अब हम आदेश देंगे
जस्टिस खन्ना ने एसबीआई के वकील हरीश साल्वे से कई अहम सवाल पूछे. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने बॉन्ड के कैश कराने के बारे में जानकारी दी है. इस पर जवाब देते हुए साल्वे ने कहा कि इस डेटा को इकट्ठा करने में थोड़ा वक्त लगेगा. इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले में अब हम आदेश देंगे.
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