डीएनए हिंदी: भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी गौतम नवलखा को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दे दी है. गौतम नवलखा की सेहत और उनकी उम्र को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उन्हें जेल के बजाय हाउस अरेस्ट में रखा जाए. साथ ही, यह भी कहा गया है कि हाउस अरेस्ट में रहने के दौरान गौतम नवलखा मोबाइल, लैपटॉप या किसी भी तरह के कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. फिलहाल, गौतम नवलखा महाराष्ट्र की तलोजा जेल में बंद हैं. गौतम नवलखा ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि उनकी सेहत को देखते हुए उन्हें रियायत दी जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि वह उस जगह की समीक्षा करे जहां गौतम नवलखा को हाउस अरेस्ट में रखा जाएगा. जगह का समीक्षा करने के बाद गौतम नवलखा को 48 घंटे के अदंर ही हाउस अरेस्ट में भेजा जाए. अदालत ने यह भी कहा है कि हाउस अरेस्ट में गौतम नवलखा को मोबाइल, लैपटॉप या किसी भी कम्युनिकेशन डिवाइस के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी.
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पत्नी भी रह सकेंगी साथ, पुलिसकर्मियों के लिए देने होंगे पैसे
अदालत ने आगे कहा है, 'वह सिर्फ़ ऐसे फोन का इस्तेमाल कर सकेंगे जो उन्हें पुलिसकर्मियों की ओर से दिया जाएगा. यह फोन उन्हें एक दिन में सिर्फ़ 10 मिनट के लिए दिया जाएगा और फोन का इस्तेमाल पुलिसकर्मी की मौजूदगी में ही किया जाएगा. साथ ही, उनके घर के बाहर पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे जिससे हाउस अरेस्ट का दुरुपयोग न किया जा सके.'
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इसके अलावा, गौतम नवलखा हाउस अरेस्ट में अपनी पार्टनर के साथ रह सकेंगे. वह अपनी पत्नी के फोन का इस्तेमाल भी नहीं कर सकेंगे. वह हफ्ते में एक बार अपने परिवार के दो लोगों से मिल सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि गौतम नवलखा के घर पर जो कॉन्स्टेबल तैनात किए जाएंगे, उसके खर्च के लिए गौतम को मुंबई पुलिस के कमिश्नर के पास 2.40 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जमा कराना होगा.
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