News Click के एडिटर प्रबीर पुरकायस्थ की दिल्ली पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध बताया है. इसके साथ प्रबीर पुरकायस्थ की रिहाई के आदेश दिए. जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच ने ये भी कहा कि पुरकायस्थ की गिरफ़्तारी और उसके बाद उन्हें हिरासत में रखे जाना कानून के अनुसार अवैध था. इससे पहले प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएपीए मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली प्रबीर पुरकायस्थ की याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा,'दिल्ली पुलिस द्वारा रिमांड कॉपी उपलब्ध नहीं कराई गई और इससे गिरफ्तारी का आधार प्रभावित हुआ है इसलिए प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी को हम निरस्त करते हैं.' अदालत ने ये भी कहा कि पुरकायस्थ की गिरफ़्तारी के समय ये नहीं बताया गया कि इसका आधार क्या था. पुरकायस्थ पिछले साल 3 अक्टूबर से UAPA के तहत जेल में थे. कोर्ट में पुरकायस्थ की ओर से कपिल सिब्बल ने दलीलें रखीं.
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इस मामले में हुए थे गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने न्यूज क्लिक में चीनी फंडिंग से भारत विरोधी गतिविधियों के आरोप में पुरकायस्थ को गिरफ्तार किया था. इसके बाद से वे जेल में थे. पुरकायस्थ ने दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गिरफ्तारी के वक्त पुरकायस्थ को पुलिस ने गिरफ्तारी का आधार नहीं दिया था. इसलिए वह जमानत के हकदार हैं.
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जानिए पूरा मामला
अक्तूबर 2023 में न्यूज़ वेबसाइट न्यूज़क्लिक से जुड़े कई पत्रकारों के घर पर दिल्ली पुलिस ने छापेमारी की थी. ये छापेमारी एक रिपोर्ट के बाद की गई थी. अमेरिकी के प्रमुख अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि न्यूजक्लिक पोर्टल एक ग्लोबल नेटवर्क का हिस्सा है, जिसे चीनी प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाने के लिए धन प्राप्त हुआ था. दिल्ली पुलिस ने आतंकवाद विरोधी कानून ‘यूएपीए’ के तहत केस दर्ज किया था. इस मामले में न्यूज़क्लिक के एडिटर-इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था.
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