नीट पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डीआई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि NEET-UG पेपर लीक करने वाले का मकसद इस एग्जाम को बदनाम करना ही नहीं बल्कि पैसा कमाना था. पीठ ने कहा कि इसके सामाजिक प्रभाव हैं. कोर्ट ने NTA को निर्देश दिया है कि वह सभी छात्रों का रिजल्ट शहर और सेंटर वाइज शनिवार दोपहर 12 बजे तक ऑनलाइन अपलोड करे.
सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई तक काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. पीठ ने कहा कि हम सोमवार से नीट-यूजी 2024 विवाद से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई फिर से शुरू करेंगे. हालांकि, सरकार की ओर से एसजी ने काउंसलिंग के लिए समय मांगा, उन्होंने कहा कि 24 जुलाई से शुरू होगी. चीफ जस्टिस ने कहा, हम सोमवार से सुनवाई करेंगे, आप देख लीजिए.'
22 जुलाई से फिर होगी सुनवाई
परीक्षा के संचालन में गड़बड़ी के आरोपों का समाधान करने का प्रयास करते हुए पीठ ने कहा कि इसे नए सिरे से आयोजित करने का कोई भी आदेश इस ठोस निष्कर्ष पर आधारित होना चाहिए कि पूरी प्रक्रिया की शुचिता प्रभावित हुई है. सुप्रीम कोर्ट 5 मई को आयोजित नीट-पीजी परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोपों के मद्देनजर एग्जाम को रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर 22 जुलाई को फिर से सुनवाई शुरू करेगा.
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि नीट पेपर लीक की घटना पटना और हजारीबाग तक ही सीमित थी. गुजरात के गोधरा में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई. पटना और हजारीबाग में प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक हो गए, जबकि गोधरा में दावा किया गया कि परीक्षा आयोजित कराने वाले एक व्यक्ति ने कुछ अभ्यर्थियों की OMR शीट भरने के लिए पैसे लिए.
सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र लीक होने के दावों पर सवाल उठाते हुए पीठ ने कहा, 'आपको यह बात ध्यान में रखनी होगी कि ऐसा करने का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर दिखावा करना नहीं था. लोगों ने यह पैसे के लिए किया. इसलिए यह परीक्षा को बदनाम करने के लिए नहीं था और कोई व्यक्ति पैसे कमाने के लिए ऐसा कर रहा था जो स्पष्ट है. बड़े पैमाने पर लीक के लिए उस स्तर पर संपर्कों की भी आवश्यकता होती है ताकि आप विभिन्न शहरों में ऐसे सभी प्रमुख संपर्कों से जुड़ सकें.'
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'लाखों छात्र कर रहे इंतजार'
सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी से जुड़ी याचिकाओं से पहले सूचीबद्ध मामलों की सभी सुनवाई स्थगित कर दी और कहा, ‘हम आज नीट मामले पर सुनवाई करेंगे. लाखों युवा छात्र इसका इंतजार कर रहे हैं, हमें सुनवाई करने और निर्णय लेने दीजिए.’ पीठ ने याचिकाकर्ताओं से यह दिखाने के लिए कहा कि प्रश्न पत्र सिस्टेमेटिक तरीके से लीक किया गया और उससे पूरी परीक्षा पर असर पड़ा, इसलिए इसे रद्द करना जरूरी है.
सीजेआई ने कहा, ‘दोबारा परीक्षा कराने के लिए यह ठोस आधार होना चहिए कि पूरी परीक्षा की शुचिता पर असर पड़ा है. इस मामले की सीबीआई जांच कर रही है. सीबीआई ने हमें जो बताया है अगर उसका खुलासा कर दिया जाता है तो इससे जांच पर असर पड़ेगा. कोर्ट 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. इनमें राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की याचिका भी शामिल है, जिसमें उसने, परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर विभिन्न उच्च न्यायालयों में उसके खिलाफ लंबित मामलों को कोर्ट में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है. (PTI इनपुट के साथ)
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