सुप्रीम कोर्ट ने मंगाई चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति से जुड़ी फाइल, पूछा- कोई Hanky Panky तो नहीं हुई? 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 24, 2022, 09:23 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति से जुड़ी फाइल मंगाई है. 

चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. SC ने सरकार से पूछा कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर पूरी प्रक्रिया क्या है.

डीएनए हिंदीः चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई होनी है. इसमें हाल ही में नियुक्त हुए चुनाव आयुक्त अरुण गोयल को लेकर सवाल उठाए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति से जुड़ी फाइल मंगा ली है. कोर्ट जानना चाहता है कि इस नियुक्ति में किसी तरह की कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई है. कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा कि कोई HANKY-PANKY तो नहीं हुई है. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट इस मामले को लेकर नाखुश भी नजर आया. कोर्ट ने कहा कि जब मामले की सुनवाई जारी है तो नियुक्ति ना की जाती तो सही रहता.  

संविधान पीठ कर रही मामले की सुनवाई
कोर्ट की संविधान पीठ पूरे मामले की सुनवाई कर रही है. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आखिर चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया क्या होती है? कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर नियुक्ति प्रक्रिया में कोई खामी भी है तो उसमें सुधार किया जाना चाहिए. कोर्ट ने पूछा कि किसी निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति नौकरशाहों तक ही सीमित क्यों हैं. ऐसे में तो उसकी स्वायत्तता पर भी सवाल उठ सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि अगर किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई शिकायत आती है तो क्या चुनाव आयुक्त उनके खिलाफ कार्रवाई करते है? कोर्ट ने कहा कि मौजूद दौर में ऐसे चुनाव आयुक्त की जरूरत है तो प्रधानमंत्री के खिलाफ शिकायत मिलने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई कर सके. 

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सरकार बोली-कानून नहीं है तो नियुक्ति अवैध कैसे?  
सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चुनाव आयुक्त कि नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. संविधान के मुताबिक वही सर्वोच्च अधिकारी हैं. चुनाव अधिकारी की नियक्ति को लेकर भले ही कोई कानून ना हो लेकिन उनकी नियुक्ति को अवैध नहीं जा सकता है. उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कानून बनाना सरकार का काम है. कोर्ट सरकार को इसके लिए सुझाव दे सकता है. कोर्ट ने इस पर कहा कि सरकार अपनी मनमर्जी से अधिकारी नियुक्त करता है और वह अधिकारी सरकार की हां में हां मिलता है. ऐसे में दोनों का फायदा होता है. 

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