महाराष्ट्र चुनाव से पहले शरद पवार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार के 'घड़ी' चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हालांकि, कोर्ट ने अजित पवार गुट को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. शरद पवार गुट ने 2 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर चुनाव चिन्ह घड़ी के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की थी.
जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने उपमुख्यमंत्री अजित पावर और अन्य को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा है. कोर्ट ने अजित पवार को न्यायालय के 19 मार्च और 24 अप्रैल के निर्देशों को लेकर एक नया हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
सर्वोच्च अदालत ने अजित पवार को निर्देश दिया कि वह 19 मार्च और 24 अप्रैल को दिए गए उसके निर्देशों को लेकर एक नया हलफनामा दाखिल करें, जिसमें कहा जाए कि एनसीपी का ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न न्यायालय में विचाराधीन है और राज्य विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया के दौरान भी इस बात का सावधानीपूर्वक अनुपालन किया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट शरद पवार गुट की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें दावा किया गया है कि कोर्ट के आदेश का अजित पवार समूह द्वारा पालन नहीं कर रहा है. वह चुनाव चिन्ह ‘घड़ी’ का इस्तेमाल कर रहा है.
शरद पवार गुट ने क्या जताई आपत्ति?
बता दें कि चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट की NCP को असली पार्टी माना था और 'घड़ी' चुनाव चिह्न के इस्तेमाल का अधिकार उन्हें ही दिया था. शरद पवार गुट की तरफ से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि मार्च में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अजित पवार से कहा गया था कि घड़ी चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल के साथ यह भी लिखें कि मामला अभी कोर्ट में विचारधीन है. लेकिन अजित पवार चुनाव के दौरान ऐसा नहीं कर रहे हैं. लोग घड़ी चिन्ह को अभी शरद पवार के नाम से ही पहचानते हैं.
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