Hijab Row: सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हेमंत गुप्ता ने क्यों कहा, कपड़े पहनने के अधिकार में क्या कपड़े उतारने का भी हक शामिल है?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 07, 2022, 07:35 PM IST

सुप्रीम कोर्ट में सेम सेक्स मैरिज पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.

सुनवाई के दौरान एक वकील ने कहा है कि कुछ छात्र रुद्राक्ष भी पहनते हैं. जस्टिस हेमंत गुप्ता ने इसके जवाब में कहा कि उसे लोग शर्ट के अंदर पहनते हैं.

डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) हिजाब बैन से जुड़े एक केस में कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) के एक फैसले खिलाफ दाखिल अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है. स्‍कूली यूनिफॉर्म के साथ सिर पर पहने जाने वाले हिजाब को एक वकील ने दलील पेश करते हुए अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता का हिस्‍सा बताया. वकील की टिप्पणी पर जज के जवाब की चर्चा हो रही है. जस्टिस हेमंत गुप्‍ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने इसे लेकर कई सवाल भी खड़े किए.

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हेमंत गुप्ता ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने के अधिकार के लिए बहस कर रहे एक वकील से पूछा कि आप इसे अतार्किक अंत तक नहीं ले जा सकते. क्या कपड़े पहनने के अधिकार में कपड़े उतारने का अधिकार भी शामिल होगा?  सीनियर वकील देव दत्त कामत ने इसके जवाब में कहा कि स्कूल में कोई भी कपड़े नहीं उतार रहा है.

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सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट में हिजाब बैन पर लंबी बहस चली. जस्टिस गुप्ता ने कहा, 'यहां समस्या यह है कि एक विशेष समुदाय एक हिजाब पर जोर दे रहा है. अन्य सभी समुदाय ड्रेस कोड का पालन कर रहे हैं. दूसरे छात्र और समुदाय यह नहीं कह रहे हैं कि हम क्या पहनना चाहते हैं.'  

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क्या ड्रेस पहनने के अधिकार में है उतारने का भी अधिकार शामिल?

सीनियर एडवोकेट कामत ने सुनवाई के दौरान कहा कि भारतीय संविधान (Indian Constitution) का अनुच्छेद 19, नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है. उसमें कपड़े पहनने की स्वतंत्रता भी शामिल है. याचिकाकर्ता यूनिफॉर्म पहनने का विरोध नहीं कर रहे बल्कि वह सिर्फ हेडस्कार्फ के साथ यूनिफॉर्म पहनना चाहते हैं. इसके जवाब में जस्टिस गुप्ता ने कहा कि आप इसे अतार्किक छोर तक नहीं ले जा सकते. पोशाक के अधिकार में कपड़े उतारने का अधिकार भी शामिल होगा? 

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सुनवाई के दौरान रुद्राक्ष को लेकर भी उठे सवाल

सुनवाई के दौरान जब एडवोकेट देव दत्त कामत ने कहा कि कई छात्र रुद्राक्ष या क्रॉस को धार्मिक प्रतीक के रूप में पहनते हैं, तो न्यायाधीश ने जवाब दिया कि यह शर्ट के अंदर पहना जाता है. कोई भी शर्ट को उठाने और यह देखने वाला नहीं है कि किसी ने रुद्राक्ष पहना है या नहीं.

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सुप्रीम कोर्ट हिजाब से जुड़े विवाद की सुनवाई कर रहा है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने भी हिजाब से बैन हटाने से इनकार कर दिया था. कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर बैन है. सुप्रीम कोर्ट इसी केस की सुनवाई कर रहा है.

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Right To Dress High Court of Karnataka Justice Hemant Gupta Hijab Case Hearing