चुनाव में मुफ्त की योजनाओं पर सुप्रीम कोर्ट की चुनाव आयोग को फटकार, 17 अगस्त को होगी अगली सुनवाई

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 11, 2022, 02:01 PM IST

सुप्रीम कोर्ट

Freebies: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि मुफ्त के वादे और कल्याणकारी योजनाओं में फर्क होता है. इस मामले में अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी. 

डीएनए हिंदीः चुनाव के दौरान फ्री वादों को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल याचिका में चुनाव आयोग (Election Commission) को कड़ी फटकार लगी है. कोर्ट ने इस मामले में नाराजगी जताते हुए आयोग से पूछा कि उसकी ओर से अभी तक हलफनामा दाखिल क्यों नहीं किया गया है. चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग से हलफनामा मीडिया में प्रकाशित होने पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने पूछा कि क्या हम अखबार में हलफनामा पढ़ें. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि राजनीतिक दलों (Political Parties) की मान्यता रद्द करने की व्यवस्था बननी चाहिए. 

CJI बोले- हम नहीं बना सकते कानून
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम इस मामले में कानून नहीं ला सकते हैं. कानून बनाना सरकार का काम है. दरअसल याचिका में ऐसा वादा करने वाली पार्टियों की मान्यता रद्द करने की मांग की गई थी. कोर्ट की टिप्पणी पर याचिकाकर्ता ने कहा कि यहां सरकार भी मौजूद है. वह कानून बना सकती है. इस मामले में अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी. 

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कोर्ट ने पूछा-क्या पार्टियां घोषणा पत्र सौंपती हैं?
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने चुनाव आयोग से पूछा कि क्या पार्टियां उसे अपना घोषणा पत्र सौंपती हैं? इस पर याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा- नहीं, ऐसी कोई कानूनी बाध्यता नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि अधिकतर मुफ्त की योजनाओं का वादा घोषणा पत्र में नहीं होता है. नेता अपने भाषणों में इसका जिक्र सकते हैं. सीजेआई ने इस पर कहा कि ये गंभीर मुद्दा है. 

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