'नोएडा अथॉरिटी का पूरा सेटअप भ्रष्ट' सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को लगाई फटकार, मांगा जवाब

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 18, 2023, 08:59 AM IST

Supreme Court 

Noida Authority News: सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हमारे विचार से इतना बड़ा भ्रष्टाचार एक या दो अधिकारियों के कहने पर नहीं किया जा सकता है. इसमें पूरा नोएडा सेटअप शामिल प्रतीत हो रहा है. 

डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों द्वारा भूमि मुआवजा वितरण में की गई गड़बड़ियों को लेकर सख्त टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस फर्जीवाड़े में एक या दो अफसर शामिल नहीं है, बल्कि नोएडा अथॉरिटी का पूरा सिस्टम ही भ्रष्टाचार में डूबा है. सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में यूपी सरकार को फटकार लगाई है और पूछा है कि अभी तक इसकी जांच क्यों नहीं कराई गई? फर्जीवाड़ा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं लिया गया? कोर्ट ने पूछा है कि सरकार बताए कि वह इस मामले की जांच किस एजेंसी से कराएगी.

जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सूर्यकांत की बेच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हमारे विचार से इतना बड़ा भ्रष्टाचार एक या दो अधिकारियों के कहने पर नहीं किया जा सकता है. प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि नोएडा अथॉरिटी का पूरा सेटअप इसमें शामिल है. सर्वोच्च अदालत इस मामले में दायर की गई विशेष याचिका पर सुनवाई कर रही है. इस प्रकरण में FIR भी दर्ज हुई है लेकिन अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.

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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, नोएडा अथॉरिटी के दो अधिकारी और भूमि मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. आरोप है कि नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने एक किसान को भूमि नहीं होने के बावजूद 7.28 करोड़ रुपये का मुआवजा दे दिया. इसमें दोनों अधिकारियों और फर्जी भूमि मालिक ने मिलकर घोटाला किया. यह बात बाहर आई तो एफआईआर दर्ज की गई और भूमि मालिक को गिरफ्तार किया गया है. लेकिन अधिकारियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही राज्य सरकार ने इसकी जांच कराई.

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पूरा नोएडा सेटअप करप्शन में शामिल
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर की पीठ ने कहा कि सुनवाई के दौरान यह पता चला है कि यह एकमात्र मामला नहीं है, बल्कि ऐसे कई घोटाले हुए हैं. जिनमें न्यू ओखला ओद्योगिक विकास प्राथिकरण ने भी भूमि के लिए मुआवजे का भुगतान किया है. कानून में किसी भी अधिकारी के बिना मुआवजा दिया गया है. हमारे विचार में यह अथॉरिटी के एक या दो अधिकारियों के कहने पर नहीं किया जा सकता है. इसमें पूरा नोएडा सेटअप शामिल प्रतीत हो रहा है. 

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