Excise Policy Case: 'फैसले की आलोचना का स्वागत', Kejriwal की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया जवाब

Written By अनामिका मिश्रा | Updated: May 16, 2024, 05:53 PM IST

जेल से बाहर आने के बाद Kejriwal ने कुछ ऐसे बयान दिए हैं, जिन पर ED ने आपत्ति जताई है. इस मामले में Supreme Court ने कोई भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया है.

Excise Policy Case मामले में जेल गए दिल्ली के सीएम Arvind Kejriwal को 10 मई को Supreme Court ने राहत दी थी. उन्हें 1 जून तक अंतरिम जमानत दी गई है. ऐसे में चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल द्वारा दिए गए बयानों पर ईडी ने आपत्ति जताई है. हालांकि,  इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के बयानों पर कार्रवाई से इनकार कर दिया है. अदालत ने कहा कि इस फैसले की आलोचना का स्वागत है.

ED ने उठाया सवाल

दरअसल ईडी ने अदालत के सामने Arvind Kejriwal के बयानों का मुद्दा उठाया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के बयानों पर कार्रवाई से इनकार करते हुए कहा कि हमारा आदेश स्पष्ट है कि केजरीवाल को कब सरेंडर करना है. कोर्ट ने कहा कि हमने अंतरिम जमानत देने की वजह भी बताई है. ये शीर्ष अदालत का फैसला है और कानून का शासन इसी से संचालित होगा. अदालत ने कहा कि जो कहा वह केजरीवाल की धारणा है. 


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Arvind Kejriwal ने दिया बयान
जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल के बयानों पर ED ने आपत्ति जताई है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चुनाव अभियान के दौरान केजरीवाल कह रहे हैं कि अगर आप आम आदमी पार्टी को जिताते हैं, तो उन्हें 2 जून को वापस जेल नहीं जाना पड़ेगा. यह तो सुप्रीम कोर्ट की शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि यह न्यायपालिका के चेहरे पर तमाचा है. वहीं  केजरीवाल की तरफ से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तुषार मेहता की दलीलों का विरोध किया है. 

Supreme Court ने क्या कहा?
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा, 'हमने किसी के लिए कोई अपवाद नहीं बनाया है, हमने अपने आदेश में वही कहा जो हमें उचित लगा.' पीठ ने कहा कि फैसले के आलोचनात्मक विश्लेषण का 'स्वागत' है. आपको बता दें कि ईडी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चुनावी रैलियों में Arvind Kejriwal के भाषणों पर आपत्ति जताई थी. केजरीवाल ने कहा कि अगर आप लोगों ने आम आदमी पार्टी को वोट दिया, तो उन्हें 2 जून को वापस जेल नहीं जाना पड़ेगा. इस पर पीठ ने जवाब दिया कि 'यह उनकी धारणा है, हम कुछ नहीं कह सकते.' 

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