सुप्रीम कोर्ट ने 64 साल के कारोबारी राम कोटुमल इसरानी (Ram Kotumal Issrani) की गिरफ्तारी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) से जवाब मांगा है. दरअसल कारोबारी का आरोप है कि पूछताछ के दौरान जांच एजेंसी ने उन्हें 20 घंटे के करीब जगाए रखा था और इसके बाद Odd Hours में सुबह सुबह 5.30 बजे उनकी गिरफ्तारी की गई है. हालांकि, गिरफ्तारी के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय ने बरकरार रखा है.
जस्टिस हृषिकेष रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने यह फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सामने 64 साल के कारोबारी राम इसरानी ने याचिका दाखिल की थी. याचिकाकर्ता को ईडी ने बैंक धोखाधड़ी मामले में लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है. प्रवर्तन निदेशालय से दो जजों की बेंच ने ऑड आवर्स में गिरफ्तार किए जाने पर जवाब मांगा है. नियम के मुताबिक,महिलाओं और बुजुर्गों को सूर्योदय से पहले और देर रात गिरफ्तारी करने का प्रावधान नहीं है. बुजुर्गों और महिलाओं की गिरफ्तारी से जुड़े भी कई प्रावधानों का पालन करना जरूरी होता है.
यह भी पढ़ें: Swati Maliwal से केजरीवाल के PA ने की मारपीट, दिल्ली पुलिस के पास आई PCR कॉल
याचिकाकर्ता ने जांच एजेंसी पर लगाए गंभीर आरोप
याचिकाकर्ता ने जांच एजेंसी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनसे रात 10.30 बजे पूछताछ शुरू की गई थी. इसके बाद सुबह 5.30 बजे तक जांच टीम ने पूछताछ की और आखिरकार उन्हें अरेस्ट कर लिया. याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि उन्हें लगातार 20 घंटे जगाए रखा गया जिससे उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ा है.
बिजनेसमैन ने दावा किया कि पिछले साल 7 - 8 अगस्त को उन्हें ईडी के दफ्तर में देर रात बुलाया गया और फिर उन्हें इंतजार कराया गया, यही नहीं रात 10:30 बजे से सुबह 3:00 बजे तक उनसे पूछताछ की गई और बयान दर्ज किया गया. उन्होंने कहा कि उन्हें कुल 20 घंटे तक जगाए रखा गया और 8 अगस्त को सुबह 5:30 बजे गिरफ्तार दिखाया गया.
इस अपील पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी और रिमांड को रद्द करने से इनकार कर दिया है.
हालांकि हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी को रद्द करने से इनकार कर दिया था, लेकिन उसने केंद्रीय एजेंसी द्वारा गवाहों और आरोपियों के बयान दर्ज करने पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि इस वजह से एक बुजुर्ग इंसान की नींद खराब हुई और इसका प्रभाव उसके स्वास्थ्य पर भी पड़ा.
बता दें कि बिजनेसमैन की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, वकील विजय अग्रवाल, महेश अग्रवाल, अंकुर सहगल, काजल दलाल और ईसी अग्रवाल सुप्रीम कोर्ट में पैरवी को पहुंचे थे.
यह भी पढ़ें: नोएडा की पारस टिएरा सोसायटी में लिफ्ट का ब्रेक हुआ फेल, छत तोड़कर निकली ऊपर
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.