डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी समूह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच मामले में सेबी को क्लीन चिट दे दी है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि इस मामले में जांच करने वाली बाजार नियामक सेबी पर संदेह करने की कोई वजह नहीं है. कोर्ट ने कहा कि अब तक हमारे पास ऐसा कोई पुख्ता प्रमाण नहीं दिया गया है कि हम इस जांच पर भरोसा नहीं करने की कोई वजह मानें. कोर्ट ने मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान जनहित याचिका की ओर से दलील रख रहे प्रशांत भूषण के डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) की पुरानी रिपोर्ट पेश करने पर बेंच ने नाराजगी जताई है. बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह तरीका ठीक नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट में प्रशांत भूषण ने जनवरी 2014 में DRI से सेबी को लिखे एक पत्र का हवाला दिया था. इस पत्र में बताया गया था कि सेबी को अडानी समूह के गलत तरीके से पैसों की निकासी और फिर उन्हें लाने के बारे में जानकारी दी थी. अडानी पावर ने उपकरणों की खरीद प्रक्रिया में अधिक बिलिंग करके पैसे निकालने, उन्हें मॉरीशस से दुबई भेजने और फिर शेयर बाजार के माध्यम से भारत में धन वापस भेजने के बारे में सूचित किया गया था. भूषण ने कहा कि इस चेतावनी के बावजूद कोई एक्शन नहीं लिया गया. इस पर कोर्ट ने पाया कि यह पुरानी रिपोर्ट है. इसी पुरानी रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की.
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पुराने पत्र का हवाला देने पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने पत्र को लेकर प्रशांत भूषण से सख्त सवाल किया. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने प्रशांत भूषण से कहा आपने डीआरआई के जिस पत्र का हवाला दिया है क्या उसमें डीआरआई की जांच समाप्त हो गई है? CESTAT में एक न्यायिक निकाय के दिए फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है? इसका जवाब देते हुए वरिष्ठ वकील ने कहा कि यह सच है. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि दूसरे पक्ष ने तथ्यों को कोर्ट से छुपाया है.
दोनों पक्षों की सुनवाई हो चुकी है पूरी
इस मामले की सुनवाई में दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो चुकी है. जनहित याचिकाकर्ताओं की ओर से प्रशांत भूषण ने पक्ष रखा था. फिलहाल कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. बता दें कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी बड़ा हमला बोला था. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल पीएम नरेंद्र मोदी और कारोबारी गौतम अडानी के संबंधों को लेकर लगातार हमलावर मोड में रही है.
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