डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला को गुरुवार को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने 23 साल पुराने मामले में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. उच्चतम न्यायालय ने यूपी की एक अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट पर रोक लगा दी. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने गैर-जमानती वारंट रद्द कराने के लिए सुरजेवाला को पांच सप्ताह के भीतर विशेष न्यायाधीश (सांसद/विधायक) वाराणसी की अदालत से संपर्क करने को कहा है.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने सुबह इस मामले का उल्लेख करते हुए तत्काल सुनवाई का आग्रह किया था. यह मामला वर्ष 2000 का है. सुरजेवाला उस समय भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. उन पर वाराणसी में संवासिनी मामले में कांग्रेस नेताओं को कथित रूप से झूठा फंसाए जाने के विरोध में हंगामा करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.
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इससे पहले 7 नवंबर को वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. कोर्ट ने उन्हें 21 नवंबर को पेश होने के लिए आदेश जारी किया था.
क्या था पूरा मामला?
रणदीप सुरजेवाला ने साल 2000 के मशहूर संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं ने गिरफ्तारी के विरोध में कमिश्नरी परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा कमिश्नरी परिसर में तोड़फोड़ की गई थी. सुरजेवाला उस दौरान कांग्रेस युवा नेता थे. पुलिस ने उनके खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया था.
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