डीएनए हिंदी: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चुनावों का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने गौहाटी हाई कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें कुश्ती महासंघ के चुनावों को रोका गया था. हाई कोर्ट ने असम कुश्ती संघ की याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 28 जुलाई को तय की थी और चुनाव टल गए थे. असम कुश्ती संघ की एक याचिका के बाद गौहाटी हाई कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ के 11 जुलाई को होने वाले चुनावों पर रोक लगा दी थी. बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह के पद से हटने के बाद से ही WFI के चुनाव नहीं हो पाए हैं और किसी न किसी वजह से चुनाव टलते जा रहे हैं.
दरअसल, असम कुश्ती संघ ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करके मांग की थी कि भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव में उसे भी हिस्सा लेने दिया जाए. उसका तर्क था कि उसे भी WFI के सदस्य के रूप में पहचान दी जाए और वोटिंग का अधिकार दिया जाए. WFI की एग्जीक्यूटिव कमेटी के 15 नवंबर 2014 के सुझावों के खिलाफ WFI ने असम कुश्ती संघन को मान्यता देने से इनकार कर दिया था.
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सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया चुनाव का रास्ता
अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस फैसले पर ही रोक लगा दी है जिसके तहत चुनावों को रोका गया था. बता दें कि जंतर-मंतर पर पहलवानों के प्रदर्शन के बाद से ही भारतीय कुश्ती महासंघ विवादों में है. बाद में कुश्ती महासंघ को भंग कर दिया गया था और नए सिरे से चुनावों का ऐलान किया गया था. हालांकि, अभी तक चुनाव नहीं हो पाए हैं. हाई कोर्ट के आदेश के बाद ये चुनाव बार-बार टलते जा रहे थे, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अब चुनाव हो जाएंगे.
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WFI के चेयरमैन रहे बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप है. पुलिस ने अपनी चार्जशीट दायर कर दी है. सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि बृजभूषण के खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं, ऐसे में उनके खिलाफ रेप और यौन उत्पीड़न का केस चलाया जाना चाहिए.
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