दिल्ली-NCR में दिवाली से पहले एक बार फिर हवा जहरीली होने लगी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर चिंता जताते हुए बुधवार को सुनवाई की. सर्वोच्च न्यायालय ने पर्यावरण संबंधी कानून को 'शक्तिहीन' बनाने के लिए केंद्र सरकार को फटकार लगाई. कोर्ट ने पूछा कि प्रदूषण के मामलों पर कम जुर्माना क्यों है, यह तो ऐसा लग रहा है जैसे आप उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं. कोर्ट ने पराली जलाने पर जुर्माने से संबंधित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Commission for Air Quality Management-CAQM) अधिनियम के प्रावधानों को लागू क्यों नहीं किया जा रहा है.
जस्टिस अभय एस. ओका, जस्टिस अहसनुद्दीन अमानुल्ला और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने में नाकाम अधिकारियों पर सीधा एक्शन क्यों नहीं लिया गया. नोटिस भेजकर सिर्फ उनसे जवाब ही क्यों मांगा गया? पीठ ने कहा कि दिल्ली-NCR में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन एक्ट, 2021 (CAQM Act) वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कानून के क्रियान्वयन को लेकर आवश्यक व्यवस्था किए बिना ही लागू कर दिया गया.
केंद्र की ओर पेश हुईं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि सीएक्यूएम अधिनियम की पराली जलाने के लिए जुर्माने से संबंधित धारा 15 के तहत जुर्माने पर दिशानिर्देश 10 दिन में जारी कर दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि एक निर्णायक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा और कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि CAQM ने पंजाब और हरियाणा सरकार के अलावा कई राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए. इस पर पीठ ने सीएक्यूएम से पूछा कि आपके नोटिस को कौन गंभीरता से ले रहा है, क्योंकि कानून के तहत इसकी प्रक्रिया का प्रावधान नहीं है.
अधिकारियों को बचाने का प्रयास न करें CAQM
पीठ ने कहा, ‘कृपया CAQM अपने अध्यक्ष से कहें कि इन अधिकारियों को बचाने का प्रयास न करें. हम जानते हैं कि जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है.’ भाटी ने कहा कि पंजाब के अमृतसर, फिरोजपुर, पटियाला, संगरूर, तरन तारन जैसे कई जिलों में पराली जलाने की 1,000 से अधिक घटनाएं हुई हैं.
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर को पराली जलाने के दोषी पाए गए उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाने को लेकर पंजाब और हरियाणा सरकारों की खिंचाई की थी और राज्य के मुख्य सचिवों को स्पष्टीकरण के लिए 23 अक्टूबर को पेश होने को कहा था.
शीर्ष अदालत NCR में पराली जलाने की घटनाओं पर रोक के संबंध में सीएक्यूएम की ओर से जारी निर्देशों को लागू करने के लिए पंजाब और हरियाणा सरकारों द्वारा कोई कदम नहीं उठाए जाने के कारण नाराज है.
(With PTI Hindi Inputs)
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