Supreme Court ने केंद्र सरकार को किया तलब, पूछा- इंटरनेट बंद करने का क्या है प्रोटोकॉल

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 09, 2022, 09:23 PM IST

इंटरनेट बंद करने को लेकर भारत हमेशा ही आलोचना झेलता रहा है. इसको लेकर अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है.

डीएनए हिंदी: कहीं भी जरा सा दंगा हो या सांप्रदायिक तनाव की स्थिति हो तो सरकारें और प्रशासन सबसे पहले इंटरनेट ही बंद (Internet Shut Down) करता है. वहीं इसके चलते यह भी कहा जाता है कि भारत में सबसे ज्यादा इंटरनेट बंद होता है. अब यह इंटरनेट किस नियम कानून और प्रोटोकॉल के तहत बंद किया जाता है. यह बड़ा सवाल है. यही सवाल अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी केंद्र सरकार से पूछा है. 

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर इंटरनेट बंद करने के प्रोटोकॉल के संबंध में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जवाब मांगा है. कोर्ट ने सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर द्वारा मनमाने ढंग से इंटरनेट शटडाउन को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है. इस केस में याचिकाकर्ता ने राजस्थान और असम राज्यों में इंटरनेट बंद का हवाला दिया जो सार्वजनिक परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए किए गए थे.

SC के जस्टिस चंद्रचूड़ ने दिया बड़ा बयान, बोले-मैं नहीं चाहता सुप्रीम कोर्ट बने 'तारीख पे तारीख' कोर्ट

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय से इंटरनेट बंद किए जाने के स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार इंटरनेट बंद करके लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है. इससे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. 

BJP ने 15 राज्यों के प्रभारी और सह प्रभारी बदले, क्या लोकसभा चुनाव की तैयारी का है ये पहला कदम

आपको बता दें कि राजस्थान में पेपर लीक से बचाने के लिए प्रशासन ने इंटरनेट बंद कर दिया था. कुछ इसी तरह असम में भी परीक्षा और सांप्रदायिक के चलते भी कई इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया था. इसको लेकर असम हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.